बिलासपुर

प्रधानमंत्री आवास योजना में कमीशनखोरी की शिकायत को लेकर कलेक्टर के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की, रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर दर्ज – अवनीश शरण, कलेक्टर

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। मस्तूरी ब्लाक के ग्राम पंचायत सोन में प्रधानमंत्री आवास योजना में कमीशनखोरी की शिकायत सामने आई है। ग्रामीणों ने शिकायत में सरपंच श्यामलता कैवर्त और उनके पति अशोक कैवर्त पर च्वाइस सेंटर संचालक के माध्यम से पांच-पांच हजार रुपये वसूली का आरोप लगाया था। शिकायत के बाद कलेक्टर के निर्देश पर मंगलवार को तीन सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की, जिसमें आरोप सही पाए जाने की बात जांच अधिकारियों ने कही है। अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट आने के बाद एफआइआर दर्ज कराने के साथ ही अन्य कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर अवनीश शरण के आदेश पर मंगलवार को एडीएम मस्तूरी अमित कुमार सिन्हा ने मस्तूरी जनपद सीईओ जेआर भगत, बिल्हा नायब तहसीलदार अप्रितम पांडेय और आवास शाखा प्रभारी को जांच के लिए भेजा। इस पर टीम ने ग्राम पंचायत सोन का दौरा किया। तीन सदस्यीय टीम ने मौके पर पहुंचकर हितग्राहियों से बातचीत की और उनके बयान दर्ज किए। दर्ज बयान के अनुसार, ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें 20 हजार रुपये की किश्त में से सिर्फ 15 हजार रुपये ही मिले। जांच टीम ने ग्रामीणों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर मामले को सही ठहराते हुए अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है।

च्वाइस सेंटर संचालक ने खोली पोल

च्वाइस सेंटर संचालक ने बताया कि 19 व 20 सितम्बर को सरपंच पति अशोक कैवर्त ने फोन कर 13 लोगों को आवास योजना की राशि देने के लिए कहा था और उन्हें च्वाइस सेंटर भेजा था। जब ग्रामीण पैसे लेने पहुंचे, तो संचालक ने प्रत्येक व्यक्ति को 20 हजार रुपये में से 15 हजार रुपये दिए और शेष पांच हजार रुपये सरपंच पति के खाते में आन लाइन ट्रांसफर कर दिए। बाद में सीईओ के कहने या लेटर लाने के बाद ही पैसे देने की बात संचालक ने जांच टीम को बताई।

टीम ने जाकर मौके पर जांच की है। जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है। यदि सरपंच और उनके पति दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी। सरपंच पर धारा 40 के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।

अवनीश शरण, कलेक्टर, बिलासपुर

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