पुरानी यादें फिर से ताजा हो गई जब महंत कालेज के एल्युमिनी मीट में जुटे सहपाठी, इस कालेज से हूनरमंद लोगों ने पढ़कर हासिल किया बड़ा मुकाम – डॉ देवाशीष मुखजी
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय में रविवार की शाम प्रथम एल्यूमिनी मीट आयोजित हुआ इस अवसर पर महाविद्यालय में स्थापना वर्ष 1997 से लेकर 2023 तक पढ़कर निकल चुके लगभग 500 से अधिक छात्र-छात्राएं कार्यक्रम में पहुंचे और अपनी स्मृतियों के अंश में मौजूद कॉलेज से जुड़ी यादों को ताजा किया और एक बार फिर कॉलेज के दिन में पहुंच गए। इन छात्र छात्राओं नेंं कॉलेज से मिली शिक्षा और दीक्षा को बेहद ज्ञानवर्धक और महत्वपूर्ण बताया। छात्र-छात्राओं ने कहा कि जिस तरह से कॉलेज के अध्यापकों ने प्यार और सम्मान के साथ अध्यापन कराया ऐसा शायद किसी अन्य संस्थाओं में उनको देखने नहीं मिला। छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत विभाग में पदस्थ छात्र संजना शर्मा ने कहा कि स्कूल से पढ़ाई कर कॉलेज पहुंचने पर कई स्वप्न मौजूद होते हैं जिन्हें साकार करने में शिक्षक महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं। भूतपूर्व छात्र एवं व्यवसायी अंकित शुक्ला ने कहा कि सबसे अच्छे पल जीने का एक प्लेटफार्म है जहां आपको अभिभावकों से मिले प्यार का माहौल मिलता है। उनका कहना था कि फिर से पढ़ाई करने का मन बना तो महंत कॉलेज को ही स्वीकार करूंगा। कॉलेज के संस्थापक छात्र प्रलय वंडरकर ने कहा कि इस कॉलेज में शिक्षकों और छात्रों के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग रही है जो एक व्यक्तित्व निर्माण के लिए बेहद आवश्यक है। छात्र महेश बंजारे ने माना कि कालेज परिसर में प्रवेश करते ही फिर से यंग हो गया ऐसा अनुभव हुआ। पुलिस विभाग में पदस्थ महेश बंजारे वर्ष 2003 के छात्र रहे हैं जबकि खुशबू पोद्दार बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की छात्रा रही है, उन्होंने बताया कि कॉलेज में पुरानी यादें रही है जो फिर से ताजा हो गई।युवा राजनेता प्रदीप साहू का कहना था कि महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से पढ़कर निकलने वाले छात्र आज हर मंच पर मौजूद है। सीनियर छात्रों के अनुभव रखे जाने के बाद जूनियर छात्रों ने भी स्वागत में अपनी यादों को रखा और सीनियर्स को काफी सहयोगी और मजबूत इरादों वाला बताया। अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी ने विचार रखें और कहा कि महाविद्यालय में छात्र-छात्राएं पढऩे के लिए प्रवेश प्राप्त करते हैं तो हर छात्र-छात्रा में शिक्षकों को उनके अपने बच्चे दिखाई पड़ते हैं इसीलिए परवरिश में किसी तरह की कमी नहीं रखी जाती हर चीजों से जोड़ा जाता है। समानता के साथ छात्रों को अवसर दिए जाते हैं ताकि भविष्य में एक मुकाम हासिल कर सके। आज जो इतिहास इस कक्ष में मौजूद रहा यह बताता है कि इस कॉलेज में क्रांतिवीर से लेकर राजनेता पैदा की है जो शैक्षणिक उपलब्धियां के साथ प्रदेश और राज्य की सेवा में उपलब्ध है और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं कॉलेज का नाम रोशन कर रहे हैं। आने वाले दिनों में कॉलेज प्रबंधन का प्रयास रहेगा कि एल्यूमिनी मीट निरंतर आयोजित होता रहे।