*राजस्व निरीक्षक पर एसीबी की कार्यवाही के बाद कलेक्टर ने किया निलंबित आदेश जारी…*
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। तोरवा स्थित जमीन का सीमांकन करने के नाम से राजस्व निरीक्षक ने शिक्षक से दो लाख 50 हजार रुपये की मांग की। शिक्षक ने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी। एसीबी ने शिकायत की तस्दीक के बाद एसीबी की टीम ने शुक्रवार को दबिश देकर आरआई को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित आरआई से एक लाख रुपये जब्त करके 7 पीसी एक्ट के तहत कार्रवाई एवं विभागीय जांच जारी है। आरआई के खिलाफ एक्शन लेते हुए कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवाएँ (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9 के अधीन तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में संतोष कुमार देवांगन का मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर, भू-अभिलेख शाखा बिलासपुर नियत किया जाता है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
दरअसल, मामला यह है कि तोरवा में रहने वाले प्रवीण कुमार तरुण शिक्षक हैं। शिक्षक ने एसीबी में आरआई के खिलाफ शिकायत की है। इसमें उन्होंने बताया कि तोरवा स्थित जमीन का सीमांकन करने के लिए राजस्व निरीक्षक संतोष कुमार देवांगन ने दो लाख 50 हजार रुपये की मांग की है। एसीबी की टीम ने शिकायत की तस्दीक कराई। इसके बाद एसीबी ने पहले किश्त के रूप में एक लाख रुपये देकर शिक्षक को तहसील कार्यालय स्थित आरआई के कमरे में भेजा।
यहां पर शिक्षक ने आरआई को रुपये दे दिए। रुपये देने के बाद शिक्षक ने एसीबी की टीम को इशारा कर दिया। शिक्षक का इशारा मिलते ही एसीबी की टीम वहां धमक गई। एसीबी के अधिकारियों ने आरआई के टेबल से एक लाख रुपये जब्त किया है। लंबे समय से सीमांकन आवेदन हैं पेंडिंग शिक्षक ने बताया कि उसकी जमीन का सीमांकन लंबे समय से पेंडिंग है। इसके लिए वह लगातार तहसील कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे।
आखिरकार आरआई ने सीमांकन करने के लिए ढाई लाख रुपये की मांग कर दी। अपनी ही जमीन का सीमांकन कराने बड़ी रकम की मांग करने से चकित रह गए। उन्होंने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी। दिनभर रही गहमा-गहमी एसीबी की टीम कार्यालय खुलते ही तहसील कार्यालय पहुंच गई थी।
टीम में शामिल सदस्य आरआई की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। जैसे ही शिक्षक ने आरआइ को रुपये दिए टीम के सदस्य वहां पहुंच गए। एसीबी की दबिश की जानकारी मिलते ही कई अधिकारी दफ्तर छोड़कर निकल गए। इधर अपने काम से आए लोग और मीडिया कर्मी आरआई के कमरे की ओर पहुंच गए। लोगों की भीड़ बढ़ते देख अधिकारियों ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया। बंद कमरे में ही एसीबी ने कार्रवाई पूरी की। इसके बाद आरोपित आरआइ को अपने साथ ले गए।