राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाना थाना क्षेत्र के रिंग रोड में कंस्ट्रक्शन कारोबारी के ऑफिस के बाहर गोली चलाने वाले शूटरों का सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है। शूटरों द्वारा फायरिंग की घटना को अंजाम देने की घटना के बाद पुलिस को बदमाशों के संबंध में कई क्लू मिल चुके हैं। पुलिस बदमाशों को अब तक दबोचने में सफल नहीं हो सकी है। वहीं कारोबारी का रोड का काम झारखंड में चल रहा है। रायपुर में गोली कांड के बाद उसे झारखंड में सुरक्षा बढ़ा दी गई।
बौखलाहट में की गई फायरिंग
अमन को रायपुर लाने से रोकने बदमाश फायरिंग की घटना को अंजाम दे रहे हैं। 10 जून को जब पहली बार ट्रांजिट रिमांड मिल थी उस दौरान भी बदमाशों ने संबंधित कारोबारी के लोगों के बीच दहशत फैलाने फायरिंग की घटना की गई। दूसरी दफा 12 जुलाई को अमन को रायपुर लाना था, उसके दूसरे दिन बदमाशों ने रायपुर में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया। अब 22 को लाने की तैयारी में है।
पुलिस सूत्रें से मिली जानकारी के अनुसार अमन साहू झारखंड में सभी तरह के सरकारी ठेका में फिरौती मांगने के साथ ही ठेका लेने वालों से पेटी कांट्रेक्टर भी है। वह सभी कामों को करने दवाब बनाता है। अमन से जुड़ा मयंक रायपुर के कांट्रेक्टर से पेटी कांट्रेक्टर का बनाने की मांग कर रहा था या उनसे फिरौती की मांग कर रहा था। उसका काम नहीं होने पर भय दिखाने फायरिंग करवा रहा।
आठ टीमों कर रही हैं काम
शूटरों को पकड़ने आठ टीमें लगी हुई हैं। इसमें पांच टीमें दूसरे राज्यों में डेरा जमाए हुए हैं। शूटरों के फोटो पुलिस के पास है। इसके आधार पर वह जांच कर रहे हैं। सभी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड में अपने मुखबिर लगाए हैं। दिल्ली, यूपी और झारखंड पुलिस की टीम भेजी गई है। हालांकि अब तक कोई अहम सुराग नहीं मिला सका है।
भागने का प्लान बी था तैयार
पिछली बार शूटर आसानी से पकड़े गए थे। इससे इस बार पूरी तरह से भागने की तैयारी कर के आए थे। शूटरों के पास प्लान बी तैयार था। उनको यह पता था कि पुलिस सबसे पहले सीसीटीवी के आधार पर पहचान में जुटेगी। इसके बाद उनके आने-जाने वाले रास्तों पर घेराबंदी करेगी।
एक दिन पहले स्टेशन तक आना वहां बैठकर चाय पीना यह सब शूटरों के प्लानिंग का हिस्सा था। उन्हें पता था कि जैसे ही शूटआउट होगा पुलिस सबसे पहले स्टेशन आएगी। ऐसे में उन्होंने अपने भागने के रास्ते भी बदल दिए। कुछ दूर तक ट्रेन में जाने के बाद वह उतर गए।