भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग फ्रॉड को रोकने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। अब बैंक ने फ्रॉड मामलों को कम करने के लिए दो मसौदा प्रस्ताव पेश किया है।
आधार-इनेब्लड पेमेंट सिस्टम (AePS)
बैंक ने डिजिटल पेमेंट को सिक्योर बनाने के लिए रेगुलेशन ड्राफ्ट जारी किया। इस ड्राफ्ट के अनुसार वेंडर को आधार-इनेब्लड पेमेंट सिस्टम (AePS) की सुविधा मिलनी चाहिए। बैंक ने कहा कि यह प्रस्ताव डिजिटल पेमेंट प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगी। इसको लेकर आरबीाई ने बैंकों के साथ एनपीसीआई को भी निर्देश दिया है।
आरबीआई ने कहा कि अगर कोई वेंडर पिछले 6 महीने से कोई पेमेंट नहीं करता है तो बैंक को फिर से केवाईसी (Know Your Customer) करवाना होगा। वहीं, एनपीसीआई को कहा है कि वह इस बात का ध्यान रखें कि केवल एक बैंक में ही आधार-इनेब्लड पेमेंट सिस्टम लागू होना चाहिए।
आरबीआई ने लोगों को इस प्रस्ताव पर 31 अगस्त 2024 तक टिप्पणी करने का समय दिया है। इसके अलावा बैंकों और एनपीसीआई को निर्देशों के पालन करने के लिए तीन महीने की अवधि दी गई है।
Authentication के लिए अतिरिक्त व्यवस्था
भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन के लिए alternative authentication mechanisms को लेकर भी ड्राफ्ट जारी किया है। बैंक ने कहा कि यह डिजिटल पेमेंट सिस्टम को तकनीकी प्रगति देने में मदद करेगा।