मध्यप्रदेशराज्य

कैश व्हीकल में 5 करोड़ से अधिक नकदी नहीं ले जाई जा सकेगी 

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडियाकर्मियों से चर्चा की और बताया कि मध्य प्रदेश में नकद राशि ले जाने वाले वाहनों के लिए गृह विभाग द्वारा बनाए गए नियमों को लागू करने की अनुमति कैबिनेट द्वारा दी गई। नए नियमों के तहत एक बार में पांच करोड़ रुपए से अधिक नकदी वाहन में नहीं ले जाई जा सकेगी। कम से कम दो सुरक्षा गार्ड ड्राइवर रखने होंगे। वाहन सात वर्ष से अधिक पुराना नहीं होगा और जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रहेगा। इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी केंद्र सरकार के दिशा निर्देश अनुसार नियमों को लागू करने की अनुमति कैबिनेट ने दी। इसमें किसी भी सुरक्षा एजेंसी को तभी कार्य करने की अनुमति होगी, जब वह केंद्र व राज्य सरकार के नियमों का पालन करेगी। एक-एक कर्मचारी का चरित्र सत्यापन होगा। प्रदेश में डाटा को सुरक्षित रखने के लिए क्लाउड की दिशा में सरकार काम करेगी। इसके लिए निजी एजेंसी का सहयोग लिया जाएग।
बैकलाग के पदों को भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान की अवधि एक वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया गया। कर्मचारी और पेंशनरों के महंगाई भत्ते/राहत में की गई वृद्धि का कैबिनेट में अनुमोदन किया। इसके साथ ही किसानों को बिना ब्याज के ऋण देने की व्यवस्था को जारी रखने का अनुसमर्थन किया गया। कैबिनेट ने स्मार्ट पीडीएस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय भी लिया। इसमें केंद्र सरकार के साफ्टवेयर और सरवर का उपयोग प्रदेश द्वारा किया जाएगा। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार होगा। एक व्यक्ति के नाम दो जगह नहीं होंगे। साथ ही खाद्यान्न का परिवहन करने वाले वाहनों की निगरानी के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा।

रामसर साइट के प्रबंधन के लिए 61 करोड़


मध्य प्रदेश की चार वेटलैंड साइट में से इंदौर की सिरपुर रामसर साइट के संरक्षण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की परियोजना पर खर्च 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार के वहन करने के प्रस्ताव को सहमति दी गई है। सिरपुर रासर साइट पर बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं। इस साइट को संरक्षित करने, आसपास से अतिकमण हटाने समेत संरक्षित करने, पर्यावरण और पर्यटन की दष्टि से विकसित करने के लिए 61 करोड रुपए की परियोजना का प्रस्ताव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिया है। इस राशि का चालीस प्रतिशत अंश राज्य सरकार वहन करेगी।  

क्लाउड सेवाएं के लिए आईटी कंपनियों होगी अधिकृत


रााज्य सरकार के अलग-अलग विभागों की विभिन्न योजनाओं के डाटा को सुरक्षित और एक जगह रखने के लिए निजी कंपनियों का सहयोग रहेगा। इसके लिए सरकार क्लाउड बनाने के लिए आईटी कंपनियों से अनुबंध करेगी। इसमें संवेदनशील डाटा संरक्षित और सुरक्षित रखा जाएगा। इसके लिए सरकार उच्च स्तर के अधिकारियों की एक टीम बनाएगी। विभागों को क्लाउड की सेवाएं एमपीएसईडीसी के माध्यम से केंद्रीयकृत रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। इससे कुल व्यय में बचत होने के साथ ही क्लाउड सेवाओं का बेहतर प्रबंधन भी हो सकेगा।

News Desk

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