राज्य

सुस्त पड़ा मानसून, झारखंड में अगले 4 दिन तक ऐसा रहेगा मौसम; जाने IMD का लेटेस्ट अपडेट

पिछले दस दिनों से जहां पूरे राज्य में सक्रिय मानसून का असर दिख रहा था, वहीं रविवार को कमजोर मानसून देखने को मिला। हालांकि, राजधानी के हरमू, कडरु, अरगोड़ा समेत कुछ अन्य जगहों पर रिमझिम फुहारों ने राहत दी, लेकिन उमस का असर भी देखने को मिली।

पिछले दस दिनों के अंदर हुई वर्षा ने किसानी को बल दिया है। पिछले दस दिनों से राजधानी रांची समेत पूरे राज्य में मानसून का असर देखने को मिला और लगातार हो रही रिमझिम फुहारों ने तापमान गिरा दिया है। किसान खेतों का रूख करने लगे हैं और खरीफ फसल की तैयार में जुट गए हैं।

राजधानी सहित पूरे झारखंड में रिमझिम बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र रांची के वरीय विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि 8 और 9 जुलाई को राजधानी समेत पूरे राज्य में कहीं कहीं हल्की वर्षा होने की संभावना है। यह स्थिति 11 जुलाई तक बने रहने के संकेत दिए गए हैं।

बता दें कि अब तक पूरे राज्य में सामान्य वर्षापात 255.3 मिमी की जगह 129.3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि राजधानी में 263 मिमी की जगह 138.5 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में कम है।

बताया गया कि राजधानी में 13 जुलाई तक आसमान में बादल छाए रहेंगे और हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा होने की प्रबल संभावना है।

24 घंटे का ऐसा रहा मौसम

पिछले 24 घंटे के मौसम की बात करें तो राज्य के सभी स्थानों पर हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा हुई। जबकि कहीं कहीं भारी वर्षा हुई। राज्य में मानसून की गतिविधि कमजोर रही। सबसे अधिक वर्षा 112 मिमी गोड्डा के दुमका के कुशियारी में रिकार्ड की गई।

सबसे अधिक अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सरायकेला का जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रांची का रिकार्ड किया गया। राजधानी रांची का अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

खरीफ फसलों की कर लें पूरी तैयारी

बिरसा एग्रीकल्चर युनिवर्सिटी के विज्ञानी डॉ. डीके शाही ने किसानों को खरीफ फसलों की खेती के लिए खेतों को तैयार करने की सलाह दी है।

खरीफ मौसम में खेती किसानी पर विचार साझा करते हुए बताया कि प्रदेश में 80 प्रतिशत कृषि कार्य इसी मौसम यानी खरीफ में होने से किसानों को कई बातों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

किसानों को खेतीबाड़ी में अधिक से अधिक कृषि यंत्रों के उपयोग से खेतों की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। सही समय पर खरीफ खेती की तैयारी राज्य के किसानों के लिए बेहद उपयोगी एवं लाभप्रद होगी।

उन्होंने कहा कि इस समय खेतों में जुताई के लिए उपयुक्त नमी मौजूद है। ऐसे में किसान अपने खाली पड़े खेतों की जुताई ढाल के विपरीत दिशा में करें तथा खेतों के मेड़ को दुरूस्त कर लें।

खेतों की तैयारी में बोई जाने वाली फसलों के लिए खेत की जुताई पूरी कर खेतों में कंपोस्ट खाद डालकर अच्छी तरह मिट्टी में मिला दें।

खरीफ फसलों का समय पर बुआई के लिए शुद्ध, स्वस्थ प्रमाणित व उन्नत बीज का ही चयन करें। बीज को उपचारित करने के लिए फफूंदनाशी, कीटनाशी दवा, खरपतवार नाशक दवा की व्यवस्था करनी चाहिए।

दलहनी एवं तेलहनी फसलों के बीज को उपचारित करने के लिए संबंधित फसल का राईजोबियम कल्चर यानी जीवाणु खाद को इस्तेमाल में लाएं।

खेती किसानी में बेहतर उपज के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। किसानों के लिए मिट्टी जांच के आधार पर अनुशंसित उर्वरकों की मात्रा का प्रयोग करना उचित होगा।

मिट्टी जांच रिपोर्ट नहीं होने की स्थिति में किसानों को संबंधित फसल के लिए अनुशंषित खाद एवं उर्वरकों की संतुलित मात्रा का अवश्य प्रयोग करना चाहिए।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button