बिलासपुर

पटाखा गोदाम में भीषण आग लगातार धमाकों की वजह से आसपास के लोग दहशत में, गोदाम के अंदर भारी मात्रा रखें है पटाखे आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं लगा

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। पटाखा गोदाम में भीषण आग लगातार धमाकों की वजह से आसपास के लोग दहशत में हैं और पुलिस भी भीड़ को नियंत्रित करने में मुश्किलों का सामना कर रही है। आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि स्थिति को काबू करने में दमकल की कई गाड़ियां लगातार दो घंटे से प्रयासरत हैं।

धमाकों के बीच राहत कार्य करने में दमकल कर्मियों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आग पर काबू पाने के लिए गोदाम की दीवार को जेसीबी मशीन से तोड़ा गया, ताकि अंदर फंसे पटाखों तक पहुंचा जा सके।

घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार गोदाम के अंदर भारी मात्रा में पटाखे होने के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। लगातार धमाकों के चलते आसपास के इलाकों को खाली करवाया गया है, और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस और प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि वे घटनास्थल से दूर रहें और बचाव कार्य में बाधा न डालें।

अभी तक आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है

हालांकि, आग के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है, लेकिन प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं, और राहत कार्य अभी भी जारी है।

पटाखा दुकान और गोदाम का लाइसेंस है

जगमल चौक के पास मेनरोड में पटाखा दुकान और गोदाम पिछले लम्बे समय से संचालित है। दुकान संचालक सोनू सतलेचा और संदीप सतलेचा का दावा है कि पटाखा दुकान और गोदाम के लिए बकायदा उनके पास लाइसेंस है।

हैरानी की बात है कि जिला प्रशासन के अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर उसे लाइसेंस कैसे दे दिया। यह भी कहा जा रहा है कि प्रावधान के अनुसार दुकान के लिए कम आवाज और रोशनी वाले पटाखे का लाइसेंस दिया गया है, लेकिन वहां नियम को ताक पर रख कर गोदाम बना लिया गया।

पटाखे रखने की उचित व्यवस्था नहीं थी

पुलिस ने बताया कि गोदाम मुख्य सड़क पर है। इसके अलावा आस-पास कई घर भी हैं। गोदाम के अंदर पटाखे रखने की उचित व्यवस्था नहीं थी। अग्निशमन यंत्र भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं थे। मानकों के अनुसार पटाखे रखने और बनाने का स्थान बस्ती और मुख्य सड़क से दूर होना चाहिए। आस-पास कोई रिहायशी मकान नहीं होना चाहिए।

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