सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते माफिया…..अवैध रेत उत्खनन पर प्रशासन मौन, अब आरंग क्षेत्र के चूना पत्थर खदान में हो रहा अवैध खनन…..
*छत्तीसगढ़ उजाला*
आरंग:
छत्तीसगढ़ में रेत सहित खनिज संपदा का अवैध उत्खनन जोरो पर है।रेत माफियाओं के सामने कहि न कहि प्रशासन नतमस्तक नजर आता है।नियमो की धज्जियां उड़ाते ये माफिया प्रदेश के हर जिलो में नजर आते है।ऐसा ही एक मामला राजधानी के नजदीक आरंग क्षेत्र है जहाँ ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी प्रशासन सोया हुआ है। इस क्षेत्र में अपार खनिज संपदा है. यहां रेत, मुरूम और पत्थर जैसे खदान भी है. लेकिन इस समय इन खनिज संपदाओं का लगातार दोहन पर्यावरण के लिए हानिकारक हो गया है. छत्तीसगढ़ की जीवनदायनी महानदी में NGT के नियमों की धज्जियां उड़ाते अवैध रेत उत्खनन के बाद अब आरंग क्षेत्र के चूना पत्थर खदान भी इसी तरह चल रहे है.क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि माफियाओं के द्वारा अवैध उत्खनन खुलेआम किया जा रहा है। ग्राम पंचायत निसदा के अंतर्गत संचालित हो रहे 15 चूना पत्थर खदान में पिछले 2 साल से पर्यावरण विभाग की बिना स्वीकृति के खदान संचालित होने की शिकायत पर्यावरण प्रेमी ग्रामीणों द्वारा की गई है. ग्रामीणों द्वारा 05 माह पूर्व इसकी शिकायत रायपुर कलेक्टर, खनिज विभाग सहित संबंधित विभागों में की गई थी लेकिन खनिज विभाग द्वारा खदान संचालकों पर जुर्माना लगाकर सिर्फ खानापूर्ति की कार्रवाई की गई.
●शिकायत के बाद भी अफ़सर सोने में मस्त●
शिकायत की जानकारी होने के बाद भी अफसरों के कान में जू तक नही रेंग रही है।सुशासन की सत्ता में अफसर भी मदमस्त हो गए है।कई क्षेत्रों में विधायकों की भी मिलीभगत की भी जानकारी आ रही है।इन खनिज संपदाओं से सरकार को एक बड़े राजस्व की प्राप्ति होती पर यहाँ माफियाओं की चांदी है।ऐसा लगता है कि सरकार के अधिकारी रेत माफियाओं के सामने नतमस्तक हो चुके है।ग्रामीणों की शिकायत पर आज तक कोई भी कार्रवाही नही की गईं है
आपको बता दे कि ग्राम निसदा में महानदी पर बैराज बना हुआ है, जिससे महासमुंद जिले और आरंग रायपुर जिले में जल आपूर्ति होती है. इसके अलावा निसदा में बड़ी संख्या में चूना पत्थर खदान और पॉलिश कारखाना है. ग्रामीणों ने बताया कि निसदा में 15 चूना पत्थर खदान है लेकिन पिछले 02 साल से बिना पर्यावरण स्वीकृति के खदान अवैध रूप से संचालित हो रहे है. खदानों के अपशिष्टों को महानदी के तट पर भंडारण किया जा रहा है. रोजाना सैकड़ों वाहन कटिंग पत्थर से महानदी को पाट रहे है जिससे ग्राम निसदा में महानदी की चौड़ाई सिमट गई है. ग्रामीणों ने कहना है कि पहले गांव में बने बैराज के सभी गेट आसानी देखा जा सकता था लेकिन लगातार चूना पत्थर खदान के मलबे से महानदी के तट को पाटने के कारण अब सिर्फ एक तरफ का गेट ही दिखाई देता है. ग्रामीणों को आशंका है कि भविष्य में इसको गंभीरता से नहीं लिया गया तो गांव में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाएगी.
उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई……
गांव के पर्यावरण प्रेमी और शिकायतकर्ता ओमप्रकाश सेन ने बताया है ग्रामीणों ने महानदी की स्थिति और चूना पत्थर खदान के अवैध संचालन को लेकर तमाम जिम्मेदारों के अलावा रायपुर संभाग आयुक्त, कलेक्टर, खनिज विभाग के संचालक सहित लगभग सभी जिम्मेदार अधिकारियों से लिखित में शिकायत की गई है. लेकिन अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. जिम्मेदार अधिकारियों के रवैए से ग्रामीणों में खासी नाराजगी है. उनकी शिकायत है कि पत्थर खदान के लिए स्वीकृत क्षेत्र से 05 गुना अधिक की जमीन पर अवैध खुदाई हो रही है जिससे गांव में पेड़ो की अंधाधुंध कटाई हुई है.जानवरों के लिए चारागाह की जमीन भी नहीं है जिससे भविष्य में संकट उत्पन्न हो सकती है.अब इस मामले में सरकार कब कोई कार्रवाही करेगी यह देखना बाकी है।