भोपाल। राजधानी के अवधपुरी इलाके में अपने कमरे पर ले जाकर मूक बधिर छात्राओ के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी हॉस्टल संचालक को अदालत ने सुनवाई पूरी होने पर दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला राजर्षि श्रीवास्तव, विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी एटक) की कोर्ट ने सुनाया है। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक त्रिभुवन प्रसाद गौतम द्वारा पैरवी की गई। संभागीय जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि अनुसूचित जनजाति की छात्रा होने पर पीडि़ता 2016 मे दसवी की शिक्षा के के बाद सामाजिक न्याय विभाग उज्जैन द्वारा उसे आगे की पढ़ाई के लिये भोपाल पहुंचाया गया था। उसका शासकीय गैस राहत एवं पुनर्वास परीक्षण संस्थान गोविंदरा भोपाल मे एडमिशन हुआ था, और आई.टी.आई. संस्थान एवं सामाजिक न्याय विभाग भोपाल के निर्देश पर उसे आरोपी अश्विनी कुमार शर्मा द्वारा संचालित किये जा रहे हॉस्टल मे रखवाया गया था। आरोपी द्वारा हॉस्टल में रहने वाली मूक बधिर छात्राओ को भोपाल मे अवधपुरी स्थित कॉलोनी के मकान ले जाकर छात्रओं को अपने मोबाईल फोन पर अशलील फोटो और वीडियो दिखाते हुए उनके साथ छेड़छाड़ करता था। आरोपी ने एक मुक-बधिर छात्रा के साथ 24 और 30 दिसंबर 2017 को मकान नंबर 201 के कमरें में ले जाकर जर्बदस्ती अपनी हवस का शिकार बनाया था। आरोपी जिस समय पीड़ीता को जर्बदस्ती अपने साथ ले जा रहा था, उस सयम छात्रा की एक सहेली ने उसका विरोध भी किया था, लेकिन आरोपी ने उन्हें धमकाते हुए चुप करा दिया था। इसके बाद अगस्त महीने मे भी आरोपी ने छात्रा के साथ डरा-धमकाकर दुष्कर्म किया था। बाद में जब पीड़ीता ने वापस घर जाने की बात बताई तब आरोपी ने उसे जर्बदस्ती रोकते हुए उसका फर्जी अभिभावक बनकर महिला आई.टी.आई. संस्था में सिलाई विषय मे उसका एडमिशन करा दिया। आरोपी की करतूतो से परेशान होकर पीड़ीता की एक सहेली जब अपने घर गई तब उसने इंदौर जाकर आनंद सर्विस सोसायटी की संचालिका मोनिका ज्ञानेन्द्र पुरोहित को आरोपी की करतूत के बारे में बताया। संस्था ने हॉस्टल में रह रही पीड़ीता के भाई से संपर्क कर उसे इसकी जानकारी दी। बाद में भाई हॉस्टल से अपनी बहन को लेकर घर गया। और बहन से इशारो में पूछताछ के बाद अपने स्थानीय थाने में शिकायत की। स्थानीय पुलिस ने जीरो पर कायमी कर आगे की जॉच के लिये केस डायरी अवधपुरी भोपाल पुलिस को भेजी। मामले की गंभीरता को लेकर एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी की जॉच के बाद प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज की श्रेणी मे रखते हुए आईटी एक्ट एवं अनुसूचित जाति एंव अनुसूचित जनजाति अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत जॉच कर चालान कोर्ट में पेश किया गया था। मामले में आरोपी के मोबाईल मे मिले अशलील वीडियो, डीएनए प्रोफाईल की पॉजीटिव रिपोर्ट सहित विशेष लोक अभियोजक द्वारा पेश किये गये तर्को और गवाहो से सहमत होते हुये अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया। कोर्ट ने अश्विनी शर्मा पिता राजेन्द्र शर्मा (42) निवासी अवधपुरी को धारा 3(2)(वी) एससीएसटी एक्ट मे आजीवन कारावास सहित 1 हजार रुपये के अर्थदण्, धारा 376(2) एन, धारा 376 (2) डी, धारा 376 (2) आई, धारा 376 (2) एफ मे प्रत्येक धारा मे 15-15 साल का सश्रम कारावास सहित एक-एक हजार रुपये के अर्थदण्ड एवं धारा 67 आई टी एक्ट मे 3 साल का सश्रम कारावास सहित 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड एवं धारा 3(2)(वीए) एससीएसटी एक्ट मे 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपये का अर्थदण्ड धारा 323 मे 06 माह का सश्रम कारावास एवं 500 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है।
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