राज्य

दिव्यांग बच्चों के लिए झारखंड सरकार ने की नई पहल, घर पर पढ़ेंगे बच्चे

झारखंड सरकार ने दिव्यांग बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है. सरकार की इस योजना में जो बच्चे स्कूल नहीं आ सकते है, उनकी शिक्षा का प्रबंध घर पर ही किया जाएगा. इस पहल से दिव्यांग बच्चे और उनके परिवार बहुत खुश होंगे. राज्य के हर जिले में दिव्यांग बच्चों का सर्वे किया जाएगा और उनकी शिक्षा के लिए शिक्षक उनके घर जाएंगे.

झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के डायरेक्टर आदित्य रंजन ने सभी जिला शिक्षक अध्यक्षों को एक एसओपी भेजी है. इस एसओपी में निर्देश दिया गया है कि प्रखंड स्तर पर दिव्यांग बच्चों का सर्वेक्षण प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी करेंगे. इसके साथ ही बच्चों की मेडिकल जांच का जिम्मा भी उन्हीं पर होगा. शिक्षकों का काम केवल पढ़ाना ही नहीं होगा, बल्कि बच्चों की अन्य जरूरतों का भी ख्याल रखना होगा. दिव्यांग बच्चों को पढ़ने के साथ-साथ खेलने के लिए खिलौने और अन्य सामग्री भी मुफ्त में दी जाएगी. उन्हें कॉपी, किताब, और कलम जैसी चीजें भी उपलब्ध कराई जाएंगी. खासकर वे बच्चे जो स्कूल आने में असमर्थ हैं, उन्हें शिक्षक घर पर जाकर पढ़ाएंगे और घर में ही सारी शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराएंगे.

डायरेक्टर आदित्य रंजन ने बताया कि बीईओ और बीपीओ इन बच्चों की सूची तैयार करेंगे और उनके नजदीकी स्कूल के शिक्षक को उनके घर भेजेंगे. शिक्षक रोज इन बच्चों के घर जाकर उन्हें पढ़ाएंगे और समय-समय पर रिपोर्ट भी सबमिट करेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और किसी को भी इससे वंचित नहीं रखा जाएगा, जो बच्चे असमर्थ हैं, उनके लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे.

इस पहल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, चाहे वह शारीरिक रूप से स्कूल जाने में सक्षम हो या नहीं. इस तरह की पहल से न केवल दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में सुधार होगा, बल्कि उनके आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता में भी वृद्धि होगी. राज्य सरकार की यह पहल वाकई सराहनीय है और इसे अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण माना जा सकता है.

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button