उमरियाः एक तरफ प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव आम जनता को सुशासन का विश्वास दिलाते हैं। वहीं, जिले के कलेक्टर भीषण गर्मी में गांव-गांव घूम कर आम जनता की समस्या सुन कर उसके निराकरण के लिए तत्पर हैं। दूसरी तरफ जिले के लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री पीड़ित की समस्या सुनने की जगह भद्दी-भद्दी गलियां देकर गोली मारने की धमकी देते हैं। दरअसल, पूरा मामला उमरिया जिले का है। जहां मानपुर में सिगुड़ी मोड़ से जनपद पंचायत तक बाईपास रोड का निर्माण हो रहा है। यह काम लोक निर्माण विभाग ठेकेदार के माध्यम से करवा रहे हैं। इसी दौरान एक पीड़ित का मकान तेढ़ी मेढ़ी सड़क बनाने के चलते बीच में आ रहा है। उसे पीडब्ल्यूडी ने मकान तोड़ने की धमकी दी। जब उसने मकान नहीं तोड़ा तो उसे भद्दी-भद्दी गालियां सुनने को मिली।
उमरिया में बन रही तेढ़ी मेढ़ी सड़क
अधिकतर समय सड़क बनाते समय देखा जाता है कि रोड में कम से कम टर्निंग पड़े। जहां तक हो सके सड़क सीधी बने। लेकिन यहां ऐसा नही है। यहां तो चेहरा देख कर टेढ़ी-मेढ़ी रोड बनवाई जा रही है। पंचायत में सड़क तेढ़ी मेढ़ी सड़क बनने को लेकर एक व्यक्ति भागीरथ भट्ट ने आपत्ति ली क्योंकि इसमें उसका घर आ रहा था। साथ ही किसी अप्रिय घटना की आशंका के चलते उसने सीधी सड़क बनाने के लिए कलेक्टर से लेकर सीएम तक को आवेदन दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस दौरान पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने उसे मकान तोड़ने की धमकी तक दे दी।
पीड़ित से अधिकारी ने कहे अपशब्द
पीड़ित भागीरथी भट्ट ने बताया कि जब हमने सीधी रोड बनाने को लेकर ईई साहब से निवेदन किया तो वो मां बहन की बुरी-बुरी गाली देने लगे। साथ ही अपशब्द बोलते हुए गोली मारने की धमकी देने लगे। इतना ही उन्होंने फोन पर ही अपने ड्राइवर से बोले अभी चल मानपुर मैं इसको देख लूंगा। मैं कलेक्टर रैंक का अधिकारी हूं, तू मेरे से बात कैसी किया है।