भोपाल । मप्र के कई जिलों में बारिश अपना रूद्र रूप दिखा रही है, लेकिन वही कई जिले ऐसे है जहां बारिश की खेंच ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। दो से तीन दिन में अगर बारिश नहीं हुई तो खेतों में खड़ी फसलों पर कीट प्रकोप का अंदेशा बढ़ जाएगा। सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक का खतरा भी बढ़ गया है। फसलों को बीमारी लगने से उत्पादन कम होने की चिंता भी किसानों को सता रही है।
मौसम की मार ने बढ़ाई अन्नदाता की चिंता
मानसून सक्रिय होने के बाद जून के अंतिम सप्ताह व जुलाई की शुरुआत तक लगभग सभी ब्लाकों में किसानों ने अपने खेतों में फसलों की बोवनी भी कर दी। लेकिन पिछले चार-पांच दिनों से बारिश नहीं होने से खेतों में अंकुरित व पौधों के रूप में खड़ी फसलें प्रभावित होने लगी हैं। जमीन में नमी कम होने का असर अब फसलों पर पडऩे लगा है। किसानों के अनुसार दो से तीन दिन में बारिश नहीं हुई तो फसलों पर बीमारी फैलने लगेगी। जिसका असर फसल की ग्रोथ व उसके उत्पादन पर पड़ेगा।
किसानों की बढ़ी चिंता
किसान सुभाष पटेल का कहना है कि जून में ही मौसम विभाग ने बहुत बारिश की घोषणा कर दी थी। जिसके चलते किसानों ने प्री मानसून में ही बोवनी कर दी थी। लेकिन अभी तक जिले में ऐसी बारिश हुई नहीं है। किसानों ने मक्का, कपास, सोयाबीन की फसल लगा दी है। ऐसे में अगर दो चार दिन में बारिश नहीं हुई तो फसलें सूखने के कगार पर आ जाएंगी।