छत्तीसगढ़ में कंपनियों ने सीमेंट की कीमत 45 रुपये घटाने की घोषणा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लिखा था केंद्र को पत्र, चौतरफा दबाव के बाद आखिरकार सीमेंट कंपनियों को बढ़े हुए दाम वापस लेने पड़े
छत्तीसगढ उजाला
रायपुर (छत्तीसगढ उजाला)। चौतरफा दबाव के बाद आखिरकार सीमेंट कंपनियों को बढ़े हुए दाम वापस लेने पड़े। छत्तीसगढ़ में कंपनियों ने शनिवार को सीमेंट की कीमत 45 रुपये घटाने की घोषणा की। अब रिटेल में सीमेंट 255 से 265 रुपये प्रति बैग बिक रही है।
कंपनियों ने गत 3 सितंबर को सीमेंट की प्रति बोरी की कीमत 50 रुपये बढ़ाने की घोषणा की थी। इस प्रकार छह महीनों में यह चौथी बार हुआ है, जब बाजार के दबाव के चलते कंपनियों को दाम वापस लेने पड़े।
मीडिया ने सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी का मुद्दा प्रमुखता से प्रकाशित किया था। छत्तीसगढ़ में सीमेंट का मासिक उत्पादन करीब 30 लाख टन (आठ करोड़) बैग है।
बाजार में मांग नहीं, पितृपक्ष के बाद उम्मीद
1. इन दिनों भवन निर्माण सामग्री बाजार में मांग बिल्कुल नदारद है, इसके बावजूद सीमेंट कंपनियों द्वारा दाम बढ़ाने की तैयारी थी।
2. क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों ने पहले ही कह दिया था कि बाजार बढ़े हुए दाम का सपोर्ट नहीं कर रहा है।
3. इस वर्ष अप्रैल से ही सीमेंट कंपनियों द्वारा उत्पादन लागत में बढ़ोतरी को लेकर सीमेंट के दाम बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
4. अब उम्मीद की जा रही है कि पितृपक्ष के बाद अगले महीने जब नवरात्र शुरू होंगे, तब एक बार फिर सीमेंट की मांग बढ़ेगी।
कब- कब बढ़ाई कीमतें फिर वापस लीं
पांच अप्रैल 2024 को 20 रुपये प्रति बोरी कीमत बढ़ाई गई। लोकसभा चुनाव के चलते वापस लिया।
10 जून को सीमेंट की प्रति बोरी की कीमत 15 रुपये बढ़ाई गईं जिसे वापस ले लिया गया।
छह अगस्त को फिर 20 रुपये प्रति बोरी कीमत बढ़ाई गई, जिसे वापस लेना पड़ा।
तीन सितंबर को 50 रुपये प्रति बोरी दाम बढ़ाने की घोषणा की गई, 15 सितंबर को 45 रुपये प्रति बोरी कीमत कम कर दी गई।
सीमेंट कंपनी मनमानी करती हैं। एकतरफा कीमत वृद्धि जायज नहीं ठहराई जा सकती। इसलिए कंपनियों को बार-बार कीमत बढ़ाकर वापस लेना पड़ रहा है।
अमर पारवानी, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स
सांसद ने लिखा था केंद्र को पत्र
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में मुख्यमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री और प्रतिस्पर्धा आयोग को पत्र लिखा था। सांसद अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा था कि हमारा प्रदेश खनिज, लौह, कोयला और ऊर्जा संसाधनों से भरपूर है। इसके बावजूद कंपनियां मनमानी कर रही है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी सीमेंट कंपनियों द्वारा दाम में बढ़ोतरी को लेकर विरोध कर रही थी।