राजधानी दिल्ली में बढ़ते तापमान के साथ हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जा रहा है। अब लगभग हर रोज लोग हीट स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं। थोड़ी देर बाहर निकलने पर उन्हें गर्मी अपनी चपेट में ले रही है और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है।
बुधवार को राम मनोहर लोहिया अस्पताल की हीट स्ट्रोक यूनिट में दो मरीजों को भर्ती कराया गया है। इनमें एक मरीज को आईसीयू में रखा गया है। उसे थोड़ी देर के लिए वेंटिलेटर का सपोर्ट भी देना पड़ा।
आरएमएल अस्पताल ने गर्मियां शुरू होने से पहले ही हीट स्ट्रोक यूनिट की स्थापना की थी। अब गर्मी चरम पर है, तो मरीजों को उपचार की जरूरत पड़ रही है।
हीट स्ट्रोक यूनिट में मरीज को आइस टब में दिया था उपचार।
बाइक चलाते हुए बेहोश होकर गिर पड़ा युवक
पिछले एक हफ्ते में पांच मरीजों को यहां भर्ती कराया गया है। बुधवार को दो मरीज भर्ती कराए गए। इनमें एक मरीज बाइक चलाते हुए बेहोश होकर गिर पड़ा और उसे अस्पताल लाया गया, जहां आइस टब में रखकर उसका उपचार किया गया। उसके शरीर का तापमान 106 डिग्री तक था। इसके अलावा एक अन्य मरीज को तेज बुखार था और उसे आइसीयू में भर्ती कराया गया।
आरएमएल अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रो. अमलेन्दु यादव ने बताया कि दो दिन पहले एक अन्य मरीज को लाया गया था और उसके शरीर का तापमान 107 डिग्री तक था। उसे फौरन आइस टब में रखा गया, लेकिन आराम न मिलने पर वेंटिलेटर सपोर्ट देना पड़ा। अब मरीज स्थिर है।
लोक नायक अस्पताल में रोज आ रहे 20 से अधिक मरीज
उन्होंने कहा कि अब तक पांच मरीज हीट स्ट्रोक यूनिट में भर्ती किए हैं। किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। डा. यादव ने कहा कि लोग दोपहर में बाहर निकलने से बचें। सभी जरूरी एहतियात बरतनी चाहिए। लोक नायक अस्पताल में रोज 20 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें दो से तीन को भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है।
ये सावधानी बरतें
- शराब का सेवन न करें
- अधिक मोटे कपड़े न पहनें
- सुबह 11 से दोपहर तीन बजे के बीच घर से नहीं निकलें
- गर्मी से बचाव के लिए चश्मे, टोपी या कपड़े का उपयोग करें
- सनस्क्रीन लगाएं या छाते का उपयोग करें
- पानी पीते रहें, शरीर में इसकी कमी न होने दें
- ठंडे पानी से नहाएं
सफदरजंग में आरक्षित किए गए बेड
सफदरजंग अस्पताल में भी बुधवार को मरीज पहुंचे थे। जिन्हें उपचार दिया गया। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए ईआर-4 में दो, आपातकालीन मेडिसिन वार्ड-ए में पांच, मेडिसिन वार्ड-16 में छह बेड आरक्षित रखे गए हैं।
पर्याप्त संख्या में आइस पैक, ओआरएस और आइवी तरल पदार्थ की व्यवस्था की गई है। डाक्टरों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया है। पानी की पर्याप्त सुविधा की गई है। अस्पताल को सेंट्रल एसी, कूलरों से ठंडा रखा जा रहा है। उधर, दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को मरीजों का डाटा पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है।