दुर्ग

*अवैध गुटखा फैक्टरी पर कार्रवाई जीएसटी विभाग की टीम ने की छापेमारी, संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज*

छत्तीसगढ उजाला

 

दुर्ग (छत्तीसगढ उजाला)। जीएसटी विभाग ने टैक्स चोरी के मामले में चंद्रखुरी के एक अवैध गुटखा फैक्ट्री पर कार्रवाई की है। जहां चोरी छिपे गुटखा बनाकर बाजार में सप्लाई किया जा रहा था। रायपुर जीएसटी की टीम ने इस फैक्ट्री की जानकारी गुटखा पाउच से लदी एक गाड़ी का पीछा करते हुए लगाया है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री संचालक के खिलाफ बड़ी जीएसटी चोरी का मामला दर्ज किया गया है।
रायपुर जीएसटी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उनकी एक टीम ई वे बिल की जांच में लगी हुई थी। इसी दौरान एक संदिग्ध वाहन वहां से गुजरा और टीम को देखकर भागने लगा। टीम ने उस वाहन का पीछा किया। वाहन के रायपुर की सीमा से भागता हुआ दुर्ग चंदखुरी की तरफ गया। उसने टीम को चकमा दिया और इस बीच सारे पैकिंग मटेरियल को आग के हवाले कर दिया गया। जीएसटी टीम ने जले हुए मटेरियल से पहचान कर लिया कि सारा माल प्रतिबंधित गुटखा का है और यह सब जीएसटी चोरी के लिए किया जा रहा है।
जीएसटी की टीम ने अवैध गुटका फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में प्रतिष्ठित ब्रांड गुटखा कंपनियों के रैपर तथा गुटखे का कच्चा माल, सुपारी तंबाखू आदि जब्त किया है। टीम ने जीएसटी चोरी का मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है। अवैध गुटखा फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था जीएसटी की टीम ने जांच में पाया कि जो गुटखा फैक्ट्री चंद्रखुरी में संचालित थी वो अवैध है। जिसके लिए विभाग से बिना अनुमति का संचालन किया जा रहा था। जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री का नाम कोमल फूड्स है टीम ने यहां से अवैध गुटका बनाने में इस्तेमाल की जा रही मिक्सर मशीन को भी जब्त किया है। यहां गुटखा तैयार कर अलग-अलग ब्रांड के रैपर में पैक करके बाजार में बेचा जा रहा था। फैक्ट्री संचालक पहले भी जीएसटी चोरी में पकड़ाया है राजनांदगांव जिले में गुटखा की अवैध फैक्ट्री संचालित की थी। जीएसटी की टीम ने वहां छापेमारी करके बड़ी जीएसटी चोरी का मामला दर्ज कर जांच में लिया था।

जीएसटी विभाग ने इस सप्ताह इस तरह की कार्रवाई करके तीन अलग-अलग व्यवसायियों से जीएसटी चोरी के मामले में लगभग आठ करोड़ रुपए का टैक्स जमा करवाया है। इन फर्मों मे टैक्स की गड़बड़ी पाया गया था इन सभी के द्वारा पिछले तीन सालों से आईटीसी क्लेम ज्यादा करते हुए टैक्स कम जमा किया जा रहा था। जांच के दौरान स्टॉक मे भी बड़ी मात्रा में अंतर पाया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button