मध्यप्रदेशराज्य

विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य के निर्माण के लिये सरकार कोई कसर नहीं रखेगी : जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह

भोपाल : जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि विद्यार्थियों के बेहतर व सुनहरे भविष्य के निर्माण के लिये हमारी सरकार कोई कसर नहीं रखेगी। प्रदेश के सभी छात्रावासों में बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। इससे विद्यार्थियों को वहां रहकर पढ़ाई करने और अपना भविष्य संवारने के लिये एक अच्छा सुकून भरा सकारात्मक परिवेश उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा विद्यार्थियों को दी जाने वाली अलग-अलग प्रकार की छात्रवृत्तियों में एकरूपता लाने और छात्रवृत्ति पाने के लिये विद्यार्थियों से मांगे जाने वाले दस्तावेज एवं छात्रवृत्ति स्वीकृति की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिये योजना का प्रस्ताव शीघ्र बनाया जाये। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने छात्रावासों में व्यवस्थाओं के सदृढ़ीकरण एवं छात्रवृत्ति में एकरूपता लाने के लिये राज्य सरकार द्वारा गठित अंतर्विभागीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।

मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। गैर शिक्षकीय कार्यों में संलग्न शिक्षकों को मूल पदस्थापना में भेजकर उनसे सिर्फ अध्यापन का कार्य लिया जायेगा। इससे बच्चों की पढ़ाई और बेहतर होगी, साथ ही इसके गुणवत्तापूर्ण व सफल परिणाम भी सामने आयेंगे। बैठक में सभी विभागों के अधीन संचालित विभिन्न श्रेणी के छात्रावासों की वर्तमान स्थिति, निवासरत विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में मानव संसाधन व अधोसंरचनात्मक सुविधाओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन छात्रावासों की स्थिति व विद्यार्थियों को दी जा रही छात्रवृत्ति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्यांश व केन्द्रांश मिलाकर विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। इसके अलावा होनहार बच्चों को मेधावी छात्रवृत्ति योजना में भी लाभान्वित किया जाता है। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति राशि के अंतर पर विचार कर एक समान छात्रवृत्ति के लिये प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव अपने स्तर पर बैठक कर योजना प्रस्ताव दें, ताकि अगली बैठक में इस पर पुन: विचार विमर्श हो सके।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के छात्रावासों में जरूरत के अनुरूप सुधार की प्रक्रिया तेज की जा रही है। छात्रवृत्ति भी पात्रतानुसार दी जाती है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के अधिकाधिक विद्यार्थी शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ें। प्रोत्साहन राशि भी शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी दी जाती है। तकनीकी शिक्षा विभाग के अधीन भी सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। राज्य सरकार समरसता छात्रावास की अवधारणा पर अमल करने पर भी विचार कर रही है।

लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कहा कि विभिन्न प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं से चुने गये विद्यार्थियों को विभाग प्रोत्साहन स्वरूप सामान्य छात्रवृत्ति व मेधावी छात्रवृत्ति भी देता है। छात्रावासों में सुविधाओं के विस्तार के लिये भी प्रयासरत हैं। छात्रवृत्ति की दरों में अन्तर को समाप्त करने और चिकित्सा शिक्षा के लिये विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिये हर जरूरी प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सचिव स्तर की बैठक से जो योजना प्रस्ताव मिलेगा, उस पर भी समिति गहराई से विचार कर अनुशंसा करेगी।

समिति अध्यक्ष डॉ. शाह ने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी आपस में बैठक कर योजना प्रस्ताव जल्द तैयार कर लें। अगले सप्ताह मंगलवार को अपरान्ह में इस समिति की पुन: बैठक आयोजित कर प्राप्त योजना के प्रस्ताव पर विमर्श किया जाएगा।

14 सदस्यीय समिति गठित

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को विभिन्न विभागों द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति योजनाओं के सरलीकरण एवं एकरूपता लाने छात्रावासों की व्यवस्था में सुधार लाने पर अनुशंसा करने के लिये 14 सदस्यीय अंतर्विभागीय समिति गठित की गई है। समिति प्रदेश के सभी छात्रावासों में बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने तथा विभिन्न विभागों द्वारा विद्यार्थियों को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की शिष्यवृत्तियों व छात्रवृत्तियों में एकरूपता लाने पर जल्द से जल्द विचार कर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करेगी।

जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह अंतर्विभागीय समिति के अध्यक्ष बनाये गये हैं। अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, तकनीकी शिक्षा मंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री समिति सदस्य बनाये गये हैं। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा, अपर मुख्य सचिव पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा, प्रमुख सचिव अनुसूचित जातिकल्याण, सचिव स्कूल शिक्षा तथा सचिव तकनीकी शिक्षा समिति के अन्य सदस्य और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य इस समिति के संयोजक सदस्य हैं।
 

News Desk

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