नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 12 जुलाई तक घरेलू शेयर बाजारों में 15,352 करोड़ रुपये का निवेश किया है। सरकार की सुधारों को जारी रखने की प्रतिबद्धता और मजबूत घरेलू मांग की वजह से एफपीआई का भारतीय बाजार में प्रवाह बढ़ा है। बाजार के जानकारों ने कहा कि विदेशी निवेशकों के लिए आगामी आम बजट आर्थिक वृद्धि के लिए सरकार की योजनाओं को समझने का सबसे प्रमुख घटनाक्रम है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने 12 जुलाई तक शेयरों में 15,352 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पहले जून में उन्होंने शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वहीं आम चुनाव को लेकर असमंजस के बीच एफपीआई ने मई में शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे। मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि की चिंता के बीच अप्रैल में एफपीआई ने 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की थी। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में 8,484 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे इस साल अब तक बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 77,109 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 2024 में जहां हर महीने शेयर बाजार में लिवाल रहे हैं, वहीं एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। एफपीआई ने जनवरी, अप्रैल और मई में कुल मिलाकर 60,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। वहीं फरवरी, मार्च और जून में उन्होंने 63,200 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
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