ऊर्जा संरक्षण सप्ताहः वेदांता एल्युमीनियम ने सस्टेनेबिलिटी हेतु अग्रगामी कदम उठाते हुए ऊर्जा की खपत में 1.3 मिलियन गीगा जूल की बचत की
ऊर्जा खपत घटाने, प्रक्रियाओं को ऑप्टिमाइज़ करने और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने में वेदांता एल्युमीनियम ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं और सस्टेनेबल औद्योगिक विधियों के इस्तेमाल में बतौर लीडर खुद को स्थापित किया है
रायपुर, दिसंबर, 2024: ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा शुरू किए गए ऊर्जा संरक्षण सप्ताह के अवसर पर, भारत के सबसे बड़े एल्युमीनियम उत्पादक, वेदांता एल्युमीनियम ने घोषित किया है कि उसने ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटाने के उद्देश्य से अभिनव उपाय अमल में लाकर 1.3 मिलियन गीगा जूल (जीजे) ऊर्जा की बचत हासिल करने में कामयाबी पाई है। 2021 को आधारवर्ष मानते हुए कंपनी ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 10.16 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी हासिल की, और इसके साथ ही वेदांता एल्युमीनियम कार्बन उत्सर्जन को कम करने के वैश्विक प्रयास में अग्रणी बन गई है। सस्टेनेबिलिटी के अपने ध्येय पर आगे बढ़ते हुए कंपनी ने घोषणा की है कि वह अक्षय ऊर्जा स्त्रोत से 1.3 गीगावॉट बिजली प्राप्त करेगी, कंपनी का यह इरादा ज्यादा स्वच्छ व ज्यादा सस्टेनेबल प्रचालन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अपने पॉटलाइंस में सस्टेनेबिलिटी और प्रचालन दक्षता बढ़ाने के लिए वेदांता एल्युमीनियम कई अहम पहलों को अमल में लाई है, जहाँ इलेक्ट्रोलिसिस के जरिए एल्युमिना से पिघला हुआ एल्युमीनियम बनाया जाता है। इन पहलों में वर्तमान खपत को कम करने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटाने और प्रचालन दक्षता में सुधार करने के लिए ग्रेफिटाइज़्ड कैथोड संवर्द्धन स्थापित करना शामिल है। कंपनी ने देश में ही विकसित वेदांता पॉट कंट्रोलर भी तैनात किए हैं, जिनकी वजह से प्रति टन एल्युमीनियम में 200-250 किलोवाट-आवर तक ऊर्जा इस्तेमाल कम हुआ है। इसके अलावा, कंपनी ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और बिजली दक्षता बढ़ाने के लिए अपने विद्युत संयंत्रों में विशिष्ट कोयले की खपत को कम किया है। ऊर्जा-कुशल प्रचालन को बढ़ावा देने के लिए स्मेल्टिंग प्रक्रियाओं को ऑप्टिमाइज़ करके, वेदांता एल्युमीनियम सस्टेनेबल औद्योगिक विधियों को बढ़ावा दे रही है, जो कि उसके व्यापक सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों का हिस्सा है।
इस बारे में वेदांता एल्युमीनियम के मुख्य प्रचालन अधिकारी, सुनील गुप्ता ने कहा, ’’वेदांता एल्युमीनियम में ऊर्जा प्रबंधन हमारे नैट्-ज़ीरो प्रयास का केंद्र है। स्मेल्टिंग पॉट्स और अक्षय ऊर्जा अपनाने के लिए हमारी पेटेंटेड इनोवेशंस जैसे ’वेदांता लाइनिंग डिज़ाइन’ आदि से हम अपनी दक्षता बढ़ा रहे हैं और कार्बन उत्सर्जन कम कर रहे हैं। वर्ष 2023 के लिए एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट में प्रथम स्थान प्राप्त करना हमारे इस विश्वास को दर्शाता है कि औद्योगिक प्रगति और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी, दोनों, साथ-साथ चलने चाहिए। ऊर्जा संरक्षण सप्ताह एक हरित भविष्य हेतु अग्रगामी सस्टेनेबल तौर-तरीकों के लिए हमारे संकल्प की पुष्टि करता है।’’
लांजीगढ़, ओडिशा में अपने रिफाइनरी प्रचालन में, ऊर्जा संरक्षण को बढ़ाने के लिए बॉयलरों को उन्नत ग्रेफाइटाइज्ड पॉट्स से बदला गया। झारसुगुडा, ओडिशा में अपने स्मेल्टर प्रचालन में, कंपनी ने कैथोड वोल्टेज ड्रॉप को सफलतापूर्वक कम किया और पॉट्स में वोल्टेज ड्रॉप (वीएलडी) उपायों को लागू किया, जिससे परफॉर्मेंस और ऊर्जा दक्षता दोनों में सुधार हुआ है। इसी तरह, कोरबा, छत्तीसगढ़ स्थित बाल्को स्मेल्टर में, कैथोड रीलाइनिंग और ग्रेफाइटाइजेशन को अमल में लाया गया, जिससे पूरे संयंत्र में ऊर्जा दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
इसके अलावा, वेदांता एल्युमीनियम अपने कर्मचारियों को जागरुक बनाने के लिए अपने प्रचालनों में एक व्यापक ऊर्जा दक्षता प्रशिक्षण की पहल को अमल में लाया है। विभिन्न जागरुकता पहलों के माध्यम से अपने व्यापक कर्मचारी आधार की सहभागिता से, कंपनी ऊर्जा प्रबंधन के लिए आईएसओ 50001 जैसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए ऊर्जा उपयोग को ऑप्टिमाइज़ करना चाहती है।
वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्युमीनियम भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 24 में 23.7 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्युमीनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्युमीनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, जिनका उपयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्युमीनियम को एल्युमीनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असैसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है, यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्वस्तरीय एल्युमीनियम स्मेल्टर्स और एल्युमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्युमीनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।