गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद एनटीए ने नीट यूजी में छात्रों को कृपांक (ग्रेस मार्क्स) देने का निर्णय रद्द कर दिया है। दूसरी ओर शिक्षा मंत्री ने भी नीट यूजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि छात्रों की सभी चिंताओं का निष्पक्षता और समानता के साथ समाधान किया जाएगा।
प्रधान ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "केंद्र सरकार नीट परीक्षार्थियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मैं छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी सभी चिंताओं का निष्पक्षता और समानता के साथ समाधान किया जाएगा। किसी भी छात्र को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और किसी भी बच्चे के करियर को खतरे में नहीं डाला जाएगा। नीट परीक्षा से संबंधित तथ्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में हैं।"
शिक्षा मंत्री ने छात्रों को आश्वासन दिया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हर आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार छात्रों के हित के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाएगी। NEET की काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी और इस दिशा में बिना किसी भ्रम के आगे बढ़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है।"
इससे पहले प्रधान ने गुरुवार को तीखा पलटवार करते हुए विपक्ष पर तथ्यों को जाने बिना संवेदनशील मुद्दे पर झूठ फैलाने की बात भी कही। शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस नेता और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक ट्वीट के जवाब में कहा, "NEET परीक्षा मामले में NTA माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए उचित कार्यवाही करने को कटिबद्ध है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 1563 विद्यार्थियों की परीक्षा दोबारा करायी जायेगी।"NEET परीक्षा मामले में NTA माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए उचित कार्यवाही करने को कटिबद्ध है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 1563 विद्यार्थियों की परीक्षा दोबारा करायी जायेगी।