*मार्कफेड में करोड़ो के खेल होने की शिकायत पहुची प्रधानमंत्री कार्यालय…* •*पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के समय भी मार्कफेड विभाग था चर्चित
फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति में भ्रष्टाचार की पीएमओ में हुई शिकायत, ऑनलाइन निविदा करने की मांग आई सामने.....
*छत्तीसगढ़ उजाला*
उजाला न्यूज cgugala.in
रायपुर.Chhttisgarh ujala
छत्तीसग़ढ़ सरकार के विभागों में सबसे ज्यादा चर्चित विभागों में मार्कफेड ही रहा है.पुर्व की भूपेश सरकार में इस विभाग के बड़े खेल की चर्चा बनी हुई थी,सांय सरकार के समय भी इस विभाग की बातें सुनने में आने लगी है।यहॉ के बड़े खेलों की शिकायत अब प्रधानमंत्री कार्यालय तक भी पहुँच गई है।फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (एफआरके) की आपूर्ति के लिए रसूखदार कारोबारी सिंडीकेट बनाकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इस खेल में शामिल लोगों की प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की गई है। इसमें बताया गया है कि राज्य में नई सरकार का गठन होने के बाद मार्कफेड छत्तीसगढ़ ने नेफेड के माध्यम से फोर्टिफाइड राइस कर्नेल की आपूर्ति के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है।
इसके बाद फिर कुछ लोग कार्टेल बनाने में सक्रिय हो गए। शिकायतकर्ता कारोबारियों ने आशंका जताई है कि • कार्टल में शामिल दर्जनभर सदस्यों द्वारा अपने करीबी लोगों को आपूर्ति कार्य आवंटित करने का दबाव बनाया जा रहा है। शिकायत के मुताबिक कार्टल को नेफेड के माध्यम से फोर्टिफाइड राइस कर्नेल की आपूर्ति के लिए बाजार दर से लगभग 10 हजार रुपए प्रति मीट्रिक टन अधिक में निविदा देने की तैयारी है। हाल ही में लगभग 40 हजार मीट्रिक टन फोर्टिफाइडराइस कर्नेल मार्कफेड द्वारा खरीदा जाना है।
कारोबारियों ने अपनी शिकायत में पीएमओ से आग्रह किया है कि राज्य में सभी फोर्टिफाइड राइस कर्नेल इंकाई के लिए ऑनलाइन टेंडर की व्यवस्था कराई जाए। ताकि प्रदेश के सभी कारोबारियों को टेंडर में सभी को बराबरी से हिस्सा लेने का अवसर मिले।सभी को मौका मिलना चाहिए.कुछ लोगो के सामने विभाग नतमस्तक ही है.
चने की भी गुणवत्ता खराब बताई जा रही है…..
पीएमओ से की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कुछ लोग केंद्रीय भंडार के माध्यम से मार्कफेड को चने की आपूर्ति कर रहे हैं। इसकी गुणवत्ता खराब होने और पैकिंग से पहले पानी मिलाने की शिकायतें भी मिल रहीं हैं। विधानसभा में यह मामला कई बार उठ चुका है। इसके बाद नेफेड ने खराब चने की आपूर्ति करने वाले केके एग्रो ट्रेड फर्म को ब्लैकलिस्ट किया था।
इससे छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ा झटका लगेगा!करीब 40 करोड़ रुपए राज्य सरकार को नुकसान होगा।पूर्व की सरकार मार्कफेड में बड़ा खेला हुआ था.आज भी कुछ माफिया अपना खेल करते आ रहे है.करोड़ो अरबो का खेल इस विभाग में वर्षो से चला आ रहा है.सुशासन वाली सरकार को इस मामले की जाँच करवानी चाहिए.
बता दें कि केंद्र सरकार के अनुसार फोर्टिफाइड राइस कर्नेल की आपूर्ति के लिए निविदा होती है। पोषण बढ़ाने के लिए फोर्टिफाइड राइस कर्नेल को चावल में मिलाया जाता है। अगस्त-सितंबर 2023 में छत्तीसगढ़ शासन के मार्कफेड ने नेफेड के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल कर्नेल की आपूर्ति के लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण टेंडर की प्रक्रिया को रोक दिया गया था।
राज्य में फोर्टिफाइड चावल कर्नेल की आपूर्ति इस समय केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दर पर राइस मिलर्स द्वारा की जा रही है। मार्कफेड द्वारा नेफेड को जल्द निविदा आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखा गया है। राज्य शासन व एफसीआई की मंजूरी के बाद आपूर्तिकर्ताओं द्वारा निर्धारित दर पर फोर्टिफाइड चावल कर्नेल की आपूर्ति की जाएगी।
रमेश कुमार शर्मा, एमडी, मार्कफेंड