देश

सीजेआई बोले- दिल्ली को समस्या का सामना करना पड़े तो समाधान के लिए तमिलनाडु की ओर देखना होगा

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के लिए डाटा और सॉफ्टवेयर बैकअप के भंडार के रूप में सेवा करने में पीठ के योगदान की सराहना की। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने डाटा और सॉफ्टवेयर का नियमित बैकअप सुनिश्चित करने के लिए इस साल मदुरै पीठ में एक आपदा रिकवरी केंद्र स्थापित किया था। इसलिए, अगर दिल्ली को समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो उसे समाधान के लिए तमिलनाडु की ओर देखना होगा। समारोह तमुक्कम मैदान में मदुरै कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया था। इसमें सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश, न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति महादेवन ने भी शिरकत की। सभा को संबोधित करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि उच्च न्यायालय की पीठ की स्थापना का मतलब केवल बुनियादी ढांचे की स्थापना करने या अदालत कक्ष बनाने या अदालत कक्षों को सुसज्जित करना नहीं है। बल्कि, यह महत्वपूर्ण सम्मेलनों, परंपराओं की स्थापना के बारे में है, जो भविष्य तय करेगा। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि बीते बीस वर्षों में मदुरै पीठ ने वास्तव में मद्रास उच्च न्यायालय की महान परंपराओं का प्रतिनिधि बना है। प्रवेश स्तर के कनिष्ठ वकीलों को कम वेतन दिए जाने के मुद्दे पर उन्होंने इस बात की ओर से इशारा किया कि उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा, कृपया इस पितृसत्तात्मक नजरिए को दूर करें कि वे सीखने और अनुभव हासिल करने आए हैं और आप उन्हें सलाह दे रहे हैं।  

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button