मतांतरण को लेकर ईसाई मिशनरियों की सक्रियता, अस्पतालों में मरीजों के बीच पहुंचकर पर्चे में सनातन के प्रतीक मंदिर कर रहे हैं उपयोग
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। मतांतरण को लेकर ईसाई मिशनरियों की सक्रियता बढ़ने लगी है। अस्पतालों में मरीजों के बीच पहुंचकर पर्चे बांट रहे हैं। गंभीर बात ये कि पर्चे में सनातन के प्रतीक मंदिर का उपयोग कर रहे हैं। मंदिर के नाम में हिन्दुओं की आस्था के साथ खेलने और फिर मतांतरण की कोशिशें हो रही है। सिम्स में महिला द्वारा मरीजों के बीच बांटे गए पर्चे में विश्वासी मंदिर का उल्लेख है। अस्पताल में मरीज और स्वजनों के बीच बंट रहे पर्चे को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने विरोध जताया है।
छत्तीसगढ़ में मतांतरण का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। ईसाई मिशनरी द्वारा प्रारंभ से ही शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक मदद के नाम पर मतांतरण किया जा रहा है। अस्पताल में पर्चा बांटकर मरीजों और उसके स्वजनों को प्रभावित करने की कोशिशें शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में बीते दिनों ईसाई मिशनरी से संबंधित महिला द्वारा मरीजों और स्वजन के बीच पर्चा बांटने की शिकायत के बाद विरोध शुरू हो गया है। पर्चा में खास बात ये कि इसमें सनातन के प्रतीकों का सोची समझी रणनीति के तहत इस्तेमाल किया गया है। ईसाई धर्म में आराधना के लिए चर्च होता है। पर्चा में मंदिर का जिक्र किया गया है। विश्वासी मंदिर और मसीहा मंदिर में अराधना करने से तकलीफ दूर होने का दावा भी किया गया है। विश्व हिन्दू परिषद ने इस पर आपत्ति जताई है। परिषद के पदाधिकारियों का कहना है कि ऐसा कर मिशनरी से जुड़े धर्म प्रचारक और कार्यकर्ता हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक मदद के बहाने लोगों को बरगला कर मतांतरण का प्रयास लगातार किया जा रहा है। अब नया तरीको मशिनरियों ने खोज निकाला है। मंदिर के नाम पर हिन्दुूओं की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
बीमार, आर्थिक रूप से कमजोर और तकलीफ में रहने वाले लोगों पर इनकी खास नजर लगी रहती है। ऐसे लोगों को मदद के बहाने विश्वासी मंदिर लेकर जाते हैं और फिर धीरे-धीरे मतांतरण की ओर ले जाते हैं। विश्वासी मंदिर के नाम पर भोले-भाले हिन्दुओं को बरगलाने और मतांतरण की कोशिश की जा रही है। अचरज की बात ये है कि ईसाई मिशनरी ने अपने उपासना स्थल का नाम विश्वासी मंदिर रख दिया है।
क्या है मामला
सिम्स में ईसाई मिशनरी से जुड़ी महिला ने मरीजों व स्वजनों के बीच पर्चा बांटी थी। इंटरनेट मीडिया में पर्चा और मतांतरण की कोशिश को लेकर आशंका जताते हुए पोस्ट जारी हुआ था। पुलिस की जांच में जरहाभाठा स्थित विश्वासी मंदिर की ओर से पर्चा छपाने की बात सामने आई है। इंटरनेट मीडिया में पोस्ट के प्रसारित होने के बाद विरोध शुरू हो गया है। विहिप के पदाधिकारी अब सामने आने लगे हैं।
जरहाभाठा स्थित विश्वासी मंदिर ईसाई समुदाय का प्रार्थना स्थल है। यहां पर प्रतिदिन यीशू मसीह की प्रार्थना की जाती है। इसके अलावा हर रविवार को विशेष प्रार्थना का आयोजन किया जाता है। इस दौरान आसपास के गांव से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यहां पर यीशू मसीह की महिमा का बखान भी किया जाता है।
सिम्स में समुदाय विशेष से जुड़ी प्रार्थना के पर्चे बांटने की सूचना पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में मिशन अस्पताल परिसर स्थित विश्वासी मंदिर की ओर से पर्चे छपवाए जाने की जानकारी मिली है। इसके बाद विश्वासी मंदिर से जुड़े लोगों को थाने बुलाया गया है। विश्वासी मंदिर से जुड़े लोगों ने भी प्रार्थना के लिए पर्चे छपवाने की बात स्वीकार किया है। उन्होंने पर्चे को किसी अस्पताल में बंटवाने से इन्कार किया है।
पूजा कुमार, सीएसपी कोतवाली थाना
ईसाई मिशनरियों द्वारा भोले-भोले और आर्थिक रूप से कमजोर हिन्दुओं को मंदिर में पूजा अर्चना के नाम पर बरगलाकर मतांतरण कराया जा रहा है। अस्पताल में पर्चा बांटने और मरीजों व स्वजनों को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है। पर्चा बांटने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने हमने पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराई है। सनातन के प्रतीकों का मतांतरण के लिए प्रयोग करना आपत्तिजनक है। इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मोहन होनप, जिला प्रचार प्रमुख, विश्व हिन्दू परिषद