छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ भवन के अंदर शराबखोरी करने वालों के खिलाफ पुलिस व जिला प्रशासन हुआ नरम…..मामले में एसडीएम व थानेदार पर क्या उच्च अफसर करेंगे कार्रवाही……

छत्तीसगढ़ भवन संवेदनशील क्षेत्र मे आता है,वहाँ शराबखोरी करने वालों के खिलाफ पुलिस विभाग व एसडीएम ने अपनी ओर से दरियादिली दिखाई..!शराब खोरी करते हुए एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ है।,इस घटना को तस्वीर को प्रशासन दबाना चाहता था पर वो मीडिया के हाथ लग ही गया..! प्रतिबंधित क्षेत्र मे शराब पीते पकड़ाये थे कांग्रेसी नेता, होटल व्यवसायी समेत 4 लोग ...केवल खानापूर्ति करके मामले को किसके आदेश पर निपटाया गया .इसकी जांच होनी चाहिए।

●बिलासपुर CGUJALA..●

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी में मनमानी का आलम खुलेआम देखा जा सकता है।बिलासपुर के सवेदनशील क्षेत्र छत्तीसगढ़ भवन के गार्डन में खुलेआम शराब पीने का मामला सामने आया है। इस मामले में कांग्रेस नेता, होटल व्यवसायी सहित चार लोगो के खिलाफ की गई पुलिस कार्यवाही भी सवालों के घेरे मे है। मीडिया मे प्रसारित खबरों की माने तो बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह को मिली सूचना के बाद सिविल लाइन पुलिस ने छापा मारकर शराबियों को गिरफ्तार करने के बाद सवेदनशील क्षेत्र मे की गई शराबखोरी की घटना के बाद भी रसुखदारो खिलाफ सिर्फ प्रतिबंधित धाराओ के तहत कार्यवाही न कर सिर्फ आबकारी एक्ट के तहत अपराध दर्ज करने के बाद में मुचलके पर ही राजनैतिक दबाब के चलते थाने से ही चन्द घंटो मे ही छोड़ दिया।आखिर बिलासपुर पुलिस किसके दबाव में आकर यह कार्य की है।इस मामले में जांच की आवश्यकता है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुखबिर से सूचना मिलने पर टीम ने फौरन मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। पकड़े गए 6 लोगों में से चार ने शराब का सेवन किया था, जिनमें कांग्रेस नेता धर्मेश शर्मा, होटल व्यवसायी शरद शर्मा, एसके तिवारी और संजय माहेश्वरी शामिल थे। इन रसुखदारो के खिलाफ कार्यवाही नही करने के लिए विभाग पर आये राजनैतिक दबाब को समझने की जरूरत है।न्याय की बात करने वाली पुलिस का दोहरा चेहरा इस मामले में नजर आ गया। जो की अब सवालों के घेरे मे है..?

अति सवेदनशील क्षेत्र माने जाने वाले सरकारी छत्तीसगढ़ भवन मे अकसर वीवीआईपी लोगो का आना जाना लगा रहय है।ऐसे में यहाँ हुआ शराबखोरी का वीडियो और तस्वीर सामने आने के बाद चर्चा का विषय बना हुआ है की इस मामले मे पुलिस ने इन रसुखदारो के खिलाफ प्रतिबंधित धाराओ के खिलाफ मामला दर्ज क्यो नही किया..?

और सबसे बड़ा सवाल की सवेदनशील क्षेत्र मे कार्यवाही की जानकारी SDM को  अगर थी तो एसडीएम ने इस मामले पर अपनी ओर से कार्रवाही क्यो नही की..?इतनी सामान्य बात भी नही है।न्यायधानी की पुलिस की पूरी कार्यवाही को क्यो दबाया गया। प्रेस विज्ञप्ति और फोटो जारी नहीं करने की वजह क्या थी..? अपनी मजबूरी या राजनैतिक दबाब..?
अब देखना होगा की इन रसूखदारों द्वारा अपने पद का फायदा उठाकर छत्तीसगढ़ भवन में शराब का सेवन करने के मामले मे भवन की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार SDM से कलेक्टर कब जबाब तलब करते है.?

क्या जिला प्रशासन भी इस मामले को दबाने में पुलिस के साथ मिला हुआ है।क्या इतनी बडी घटना के लिए बिलासपुर एसडीएम पर भी कार्रवाही की जाएगी।या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा.इस घटना पर अब तक जिला प्रशासन ने चुप्पी क्यों साध रखी है।सुशासन की सत्ता में इतना अंधेर वो भी उस समय जब राजधानी में राज्य की साय सरकार एक साल बेमिसाल का परब बना रही है।

Anil Mishra

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