बिलासपुर

सड़क निर्माण में बंधक बन रही 88 में से 86 दुकानों पर चला बुलडोजर, देर रात तक निगम अमला और भारी संख्या में पुलिस बल रहा तैनात

 

दुकानदारों के भारी विरोध के बीच पुलिस व निगम टीम ने सख्ती बरतने के साथ दुकान तोड़ने का किया काम,

अधिकारियों के निर्देश पर निगम व पुलिस की टीम को सख्त रूख अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ा

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। शहर विकास में बाधा बन रही इमलीपारा रोड की 88 में से 86 दुकानों को नगर निगम की टीम ने पुलिस की तगड़ी सुरक्षा के बीच जेसीबी से धराशायी कर दिया। इस दौरान दुकानदारों से जमकर विरोध भी हुआ। एक दुकानदार से नगर निगम की टीम से झूमाझटकी भी हुई। हालांकि कुछ देर के बाद मामला शांत हो गया। किसी तरह दुकानदारों ने अपने-अपने सामान निकाले। इस कार्रवाई के बाद इमलीपारा रोड सीधे पुराना बस स्टैंड चौक से जुड़ जाएगी। इससे इस क्षेत्र में यातायात दबाव कम होगा। इससे आने वाले दिनों में शहरवासियों को बड़ी सुविधा मिलेगी।

इमलीपारा रोड को पुराना बस स्टैंड चौक से जोड़ने में इमलीपारा रोड के अंतिम छोर पर बनी 88 दुकानें रोड़ा बनी हुई थीं। तकरीबन 12 साल पहले निगम ने इस क्षेत्र में बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए इमलीपारा रोड का चौड़ीकरण करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन रोड में अवैध रूप से बने 88 दुकानों को तोड़े जाने की बात सामने आई तो दुकानदारों ने उसी समय इसका विरोध कर दिया और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने लगे। ऐसे में दुकानों को तोड़ने के मामले में स्टे लगा दिया गया। जबकि नगर निगम ने साफ किया है कि ये सभी दुकानें अवैध हैं। इधर किसी न किसी तरह हर बार इस मामले पर हाई कोर्ट से स्टे मिल जा रहा था। ऐसे में यह मामला 12 सालों से फंसा हुआ था। पिछले दिनों इस मामले में हाई कोर्ट ने इन दुकानों को अवैध करार दिया और तोड़ने की अनुमति नगर निगम को दे दी गई। जैसे ही यह आदेश आया, वैसे ही निगम के अधिकारी सक्रिय हो गए। निगम आयुक्त अमित कुमार ने तत्काल सभी दुकानदारों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही दुकानदारों को दुकानदारी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पुराना बस स्टैंड परिसर में अस्थायी रूप से दुकान संचालन की बात कही गई। साथ ही बताया गया कि सड़क निर्माण और काम्पलेक्स निर्माण के बाद दुकान एलाट किया जाएगा। दुकान से जरूरी सामान हटाने के लिए दो दिन का समय दिया गया था। इसके बाद भी बुधवार की सुबह नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता व पुलिस टीम कार्रवाई के लिए घटना स्थल पहुंची। इस बीच जेसीबी से दुकानों का ध्वस्त करने का काम शुरू किया। लेकिन शुरुआत में व्यापारी विरोध करने पहुंच गए। ऐसे में पुलिस बल को सख्ती बरतने के मजबूर होना पड़ा। इसके बाद दुकानदार पीछे हटे और दुकानों को तोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ। इस बीच एक अगरबत्ती दुकान संचालक ने कार्रवाई का विरोध करते हुए टीम से भिड़ गया। हालांकि थोड़ी देर बाद मामला शांत हो गया।

इन संसाधनों का किया गया उपयोग

– छह जेसीबी

– आठ काउकेचर

– पांच डंपर

– चार टिपर

– एक क्रेन

– 50 पुलिस जवान

– 150 नगर निगम अधिकारी व कर्मचारी

– दो सीएसपी, दो डीएसपी, चार टीआइ

राजस्थान स्वीट्स को स्टे, सहकारी बैंक में लाकर होने से बचे

निगम को 88 दुकानों पर कार्रवाई करनी थी। निगम की टीम 86 दुकानों को ही तोड़ पाई, क्योंकि राजस्थान स्वीट्स के संचालक ने दूसरी जगह मिलने वाली दुकान पर एतराज व्यक्त किया है। इस पर हाई कोर्ट ने फिलहाल के लिए दुकान ना तोड़ने का स्टे दे दिया है। इसी तरह यहां पर निगम की दुकान पर ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भी संचालित होता है, जहां पर लाकर सुविधा भी दी गई है। ऐसे में इस बैंक को ध्वस्त नहीं किया जा सका। इसे हटाने का कार्य आरबीआइ की गाइड लाइन के तहत होगा। ऐसे में आने वाले एक-दो दिन के भीतर इसे तोड़ा जाएगा।

86 दुकानों को तोड़ने के लिए निगम का एक बड़ा अमला इस बीच तैनात रहा। बुधवार की सुबह से ही दुकानों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया था। लेकिन एक-एक करके दुकान तोड़ने के काम में निगम व पुलिस की टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी। इसी वजह से यह कार्रवाई देर रात तक चलती रही। अधिकारियों की मंशा रही कि यह काम एक साथ ही पूरा किया जाए। दूसरे दिन के लिए छोड़ने में कई तरह के व्यवहारिक दिक्कतों सामना करने की आशंका को भी दरकिनार नहीं किया जा रहा था।

कार्रवाई की जद में नामी दुकानें भी

88 में शहर की कुछ नामी दुकान का भी संचालन होता था। जहां शहर के साथ ही गांव के लोग भी पहुंचते थे। इसमें मुन्ना जींस कार्नर, नवीन जींस कार्नर, बजरंग पान ठेला, जनरल स्टोर, सेलून, लेथवर्क, बस ट्रेवल एजेंसी के साथ अन्य दुकान शामिल हैं। वही आधी से ज्यादा दुकानों में छोटे दुकानों से भी व्यापार संचालित होता रहा। पुराना होने के नाते लगभग सभी दुकानें बेहतर बिक्री करने लगी थीं।

नहीं चली राजनीति, मौके पर जनप्रतिनिधि भी घूमते आए नजर

इस कार्रवाई में नेतागीरी होने की आशंका थी। लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से नेतागीरी होने की हर आशंका खारिज हो गई। हालांकि इस कार्रवाई के दौरान दोनों ही पार्टी के कुछ नेता और जनप्रतिनिधि भी मौके पर नजर आए। जो अपने समर्थक दुकानदारों को देते रहे। लेकिन किसी ने भी कार्रवाई का विरोध करने की हिम्मत नहीं दिखाई। एक तरह से कोई भी नेता यहां पर नेतागीरी नहीं दिखा पाए।

पुराना बस स्टैंड परिसर में यहां के दुकानदारों के लिए दुकानदारी करने के लिए वैकल्पिक स्थान दिया गया है। जहां पर बकायदा टेंट भी दुकान के हिसाब से लगा दिया गया है। विरोध के बावजूद भी 30 से ज्यादा दुकानदार यहां पर व्यापार करने के लिए तैयार हो गए हैं। निकट भविष्य में सभी व्यापारियों को सर्वसुविधा काम्पलेक्स में दुकान का आवंटन किया जाना है।

दुकानदारों का आरोप है कि निगम प्रबंधन ने दुकान से सामान को निकालने के लिए ज्यादा समय नहीं दिया। महज दो दिन का समय दिया गया। जो बहुत ही कम समय रहा। हर दुकान में माल भरा हुआ था, जिसे खाली करना आसान काम नहीं था। निगम के अधिकारियों ने जल्द से जल्द कार्रवाई करने के उद्देश्य से ऐसा किया। इसकी वजह से व्यापारियों को तकलीफ उठानी पड़ी है। साथ ही उनका सामान बर्बाद भी हुआ है।

पुराने बस स्टैंड के पास इमलीपारा सड़क होगी 80 फीट, छह तरफ से मिलेगी सड़क

शहर के पुराना बस स्टैंड के पास अव्यवस्थित ट्रैफिक की समस्या से शहरवासियों को अब निजात मिलने वाला है। साथ में शहर को एक सुव्यवस्थित चौड़ी सड़क की सौगात मिलने वाली है। हाई कोर्ट में व्यापारियों की याचिका खारिज होने के बाद इमलीपारा सड़क को सीधे श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक में जोड़ने का रास्ता साफ हो चुका है। बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 10 करोड़ की लागत से व्यापारियों के लिए काम्प्लेक्स और 80 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण होगा। लगभग 12 साल पहले सत्यम चौक से पुराना बस स्टैंड तक के ट्रैफिक लोड को कम करने के लिए इमलीपारा सड़क का चौड़ीकरण और उन्नयन किया गया था लेकिन पुराना बस स्टैंड के पास 86 दुकानों के नहीं हटने के कारण चौक के पास सड़क संकरी हो गई थी। इससे इमलीपारा सड़क का उपयोग अपेक्षाकृत वैसा नहीं हो पाता जैसी उम्मीद की गई थी। इस वजह से पुराना बस स्टैंड जाने वाली सड़क का यह वैकल्पिक मार्ग नहीं बन सका था। लेकिन अब दुकानों की शिफ्टिंग हो जाने से चौड़ी सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। सड़क चौड़ीकरण के बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक पर इमलीपारा सड़क सीधे जाकर मिलेगी। इस प्रकार से चौक पर सीधे छह तरफ से सड़क मिलेगी।

कार्रवाई से बनी जाम की स्थिति
सुबह से ही इस कार्रवाई को शुरू कर दी थी। जैसे ही सुबह के दस बजे का समय पार हुआ वैसे ही सड़क पर यातायात का दबाव बढ़ने लगा और पुराना बस स्टैंड चौक में जाम की स्थिति पैदा हो गई। इसके बाद यातायात पुलिस को कमान संभालना पड़ा। वाहनों को सीएमडी चौक की तरफ डायवर्ट किया गया। इसका नतीजा यह निकलना की शाम होते ही सीएमडी चौक में यातायात का दबाव एकाएक बढ़ गया। जाम की स्थिति ऐसी रही कि सिग्नल पर ठहरी गाड़ियों को सिग्नल पार करने में पांच से छह बार ग्रीन लाइट का इंतजार करना पड़ा।

नगर निगम की ओर से रात आठ बजे तक कार्रवाई की गई। इसके बाद अमला संसाधनों के साथ लौट गया। इधर, निगम के लौटते ही आसपास के लोग मलबे से लोहा समेत अन्य सामान निकालकर ले जा रहे थे। टूटी छतों से लोहा निकालने के लिए घन का भी उपयोग किया जा रहा था। देखते ही देखते यहां लोगों की भीड़ जुट गई। कुछ लोग से कबाड़ी का सामान रखने के लिए रिक्शा और अन्य माल वाहक लेकर पहुंच गए थे।

इस दौरान विवाद व तनाव के हालात को दरकिनार नहीं किया जा सकता था। ऐसे में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। शुरू में विरोध भी हुआ, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे विरोधियों की एक भी नहीं चली। इसके बाद से कुछ दुकानदार उग्र हो गए। वे कैसे भी कर विरोध कर कार्रवाई रोकना चाहते थे। ऐसे में इन्होंने अपने करीबी भी बुला रखे थे। मौका मिलने पर विरोध और माहौल बिगाड़ने की कोशिश रही, लेकिन कड़े बंदोबस्त के सामने उनकी एक भी नहीं चली।

इमलीपारा की 88 में से 86 दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया है। अब चौड़ी सड़क निर्माण की बाधा खत्म हो गई है। प्रभावित दुकानदारों को नए काम्पलेक्स में दुकान आवंटित की जाएगी। यह अब यहां पर 80 फीट चौड़ी सड़क मिलेगी, जिससे यातायात सुगम होगा।

अमित कुमार, आयुक्त नगर निगम

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