बिपरजॉय ने गुजरात में दिखा रौद्र रूप, खंभे टूटे-पेड़ उखड़े, सड़कें बनी तालाब-940 गांवों डूबे अधेंरे में
Latest National News : अहमदाबाद. अरब सागर से उठे चक्रवात तूफान बिपरजॉय ने गुजरात के कई जिलों में तबाही मचा दी है. चक्रवात गुरुवार शाम को गुजरात में जखाऊ पोर्ट से टकराया था. इसके बाद राज्य में 115-125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. राज्य में भारी बारिश भी जारी है. इसके चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
गुजरात के कच्छ जिले में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे टूटने से कई इलाकों में बिजली गुल हो गई. समुद्र से लगे निचले इलाकों में पानी भरने से बाढ़ जैसी स्थिति हो गई. राज्य में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में 2 लोगों की मौत की खबर है. जबकि 22 लोग घायल हो गए.
बिपरजॉय से अब तक गुजरात में क्या क्या हुआ?
- – बिपरजॉय गुरुवार शाम को 6.30 बजे जखाऊ पोर्ट से टकराया. चक्रवात का पूरा लैंडफॉल रात 12 बजे कच्छ में हुआ. इस दौरान 115 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. कई शहरों में भारी बारिश जारी है.
- – तूफान के लैंडफॉल के बाद मांडवी में पूरी तरह से बिजली गुल हो गई. तेज हवाओं के चलते बिजली के खंभे उखड़ गए. जखाऊ मांडवी रोड पर भी कई पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा.
- – प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात की. उन्होंने तूफान से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली.
- – बारिश और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 22 लोग घायल हैं.
- – बिपरजॉय तूफान के बाद गुजरात के भावनगर में अपने पशुओं को बचाते समय एक पिता और पुत्र की मौत हो गई. भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के बाद इनके पशु एक गड्ढे में फंस गए थे. उन्हें बचाते समय ही दोनों डूब गए और उनकी मौत हो गई.
- गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने बताया कि तूफान के कारण करीब 22 लोग घायल हो गए हैं. हालांकि, अब तक किसी की मौत नहीं हुई है. 23 पशुओं की जान चली गई है. 524 पेड़ गिर गए हैं. कुछ जगहों पर बिजली के खंभे भी गिरे हैं. 940 गांवों की बिजली गुल हो गई है.
- – कच्छ जिला कलेक्टर अमित अरोरा ने बताया कि हवा काफी तेजी से चल रही है. हर तरफ बारिश हो रही है. लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. जिले में 200 खंभे और 250 पेड़ उखड़ गए. 5 तहसीलों के 940 गांवों में बिजली गुल हो गई.
- उन्होंने बताया कि चक्रवात से समुद्र तट के करीब 10 किमी दूर तक का क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. कच्छ में करीब 52,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. जबकि 25,000 मवेशियों को भी ऊंचे स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है.
- – मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल चक्रवाती तूफान की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं. सीएम भूपेंद्र पटेल आज देर रात गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर आपदा प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए.
- – चक्रवात की वजह से रेल सेवाएं प्रभावित हो गई हैं. जिन इलाकों में बिपरजॉय का असर है, उन इलाकों से गुजरने वाली, चलने वाली या टर्मिनेट होने वाली 99 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. 23 और ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, वहीं, 3 ट्रेनों का शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है और 7 ट्रेनों का शॉर्ट-ऑरजिनेट किया गया है. अब तक 99 ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है, जबकि 39 ट्रेनें शॉर्ट-टर्मिनेट की गई हैं.
16-17 जून को भारी बारिश का अलर्ट
बिपरजॉय का असर अभी कम नहीं हुआ है. चक्रवात के चलते पूरे गुजरात में 16-17 जून को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. 16 जून को सौराष्ट्र, कच्छ, नॉर्थ गुजरात और दक्षिण राजस्थान में भारी से बेहद भारी बारिश की संभावना है. जबकि 17 जून को दक्षिणपूर्व राजस्थान और उससे लगे हुए उत्तरी गुजरात में भारी से बेहद भारी बारिश की संभावना है.
तेज चलेंगी हवाएं
मौसम विभाग के मुताबिक, गुजरात के कई इलाकों में 16 जून को 90-100 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. हालांकि, शाम तक इनकी रफ्तार कम होने की संभावना है. कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में तेज हवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.
- – समुद्र में भी ऊंची लहरें उठने की संभावना है.
- – 16 जून को भी बारिश और तूफान के चलते नुकसान की संभावना जताई गई है.
9 राज्यों में अलर्ट
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक सब अलर्ट पर हैं. गुजरात में एनडीआरएफ की 17 टीमें और एसडीआरएफ की 12 टीमें तैनात हैं. वहीं, नौसेना के 4 जहाज अभी स्टैंडबाय में रखे गए हैं. तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात और महाराष्ट्र समेत 9 राज्यों पर महातूफान का असर है. ये 9 राज्य लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और राजस्थान (पश्चिमी) हैं.
लैंडफॉल के बाद भी जारी रहेगी मुसीबत
जानकारों का कहना है कि शुक्रवार को बारिश होने के चलते बिजली सप्लाई को बहाल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. यानी लोगों को और अधिक समय तक बिना बिजली के रहना होगा. वहीं जिन लोगों के घर तबाह हुए हैं, उन्हें भी अपने-अपने ठिकानों पर जाने के लिए और इंतजार करना होगा. तब तक वे सरकार द्वारा तैयार किए गए शेल्टर में ही ठहरेंगे. साथ ही जो नुकसान तूफान से हुआ है, उसका अनुमान लगाने में भी समय लग सकता है. मौसम विभाग के अलर्ट से स्पष्ट है