मानव अधिकार के प्रति बेहतर जागरूकता के लिए बिलासपुर को दूसरा स्थानराज्य स्तरीय वाद विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)। मानव अधिकारों के प्रति सबसे अधिक जिम्मेदारी पुलिस के ऊपर है। समस्या आने पर लोग सबसे पहले पुलिस को याद करते हैं। थाने में आकर फरियाद करते हैं। ऐसे में जवानों को लोगों की वेदना के प्रति संवेदना रखते हुए कार्य करना चाहिए। ये बातें मानव अधिकार के प्रति बेहतर जागरूकता के लिए आयोजित राज्य स्तरीय वाद विवाद प्रतियोगिता में बिलासपुर ट्रैफिक पुलिस के एसआइ उमाशंकर पांडेय ने कही।
मानव अधिकार के प्रति बेहतर जागरूकता के लिए बिलासपुर को दूसरा स्थान मिला है।एसपी संतोष कुमार सिंह की पहल पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जिले का प्रतिनिधित्व करने के लिए एसआइ उमाशंकर पांडेय का चयन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसआइ उमाशंकर पांडेय ने कहा कि पुलिस मानव अधिकारों के प्रति हमेशा से सजग रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ताड़मेटला है।
यहां पर आम लोगों की हितों की सुरक्षा करते हुए पुलिस के 76 जवान शहीद हो गए। उनकी शहादत के बाद पुलिस की टीम ने यहां के लोगों को उनका अधिकारी दिलाने डटी रही। लोगों को बेहतर सड़क, स्कूल आदि का निर्माण कराने सहयोगी बनी हुई है।प्रतिशोध नहीं प्रतिरोध का सिद्धांतएसआइ उमाशंकर पांडेय ने बताया कि पुलिस प्रतिशोध की भावना से दूर रहकर अपराध का प्रतिरोध करती है। अपराध का हमेशा प्रतिरोध करते हुए लोगों को अपराधिक गतिविधियों से दूर रहने प्रेरित करती हैं। कानून का पालन कराने हर पल तत्पर रहती है। यही कारण है कि, लोग समस्या आने पर सबसे पहले पुलिस को याद करते हैं और पुलिस के पास ही पहुंचते हैं।