रायपुर

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी…

छत्तीसगढ उजाला

रायपुर (छत्तीसगढ उजाला)। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। पहली लिस्ट में पार्टी ने 195 से ज्यादा सीटों पर नामों की घोषणा की है। इसमें छत्तीसगढ़ की ग्यारह सीटों के लिए उम्मीदवारों का नाम भी शामिल है। बिलासपुर से तोखन साहू, सरगुजा से चिंतामणी महाराज, जांजगीर-चांपा से कमलेश जांगडे, कोरबा से सरोज पांडे, राजनांदगांव से संतोष पांडे, दुर्ग से विजय बघेल उम्मीदवार होंगे। वहीं रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल, महासमुंद से रुपकुमारी चौधरी, बस्तर से महेश कश्यप और कांकेर से भोजराज नाग को लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में में राज्य की सत्ता गंवाने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा की 11 में 9 सीटें अपने नाम करने में कामयाब रही थी। वहीं राज्य बनने के बाद से कांग्रेस 2004 और 2019 में ही दो लोकसभा सीटों के आंकड़े तक पहुंची थीं, जबकि बाकी के लोकसभा चुनाव में उसके खाते में हमेशा एक ही सीट आई है। इन आंकड़ों के बावजूद भी कांग्रेस दावों में पीछे नहीं रही है।

यहां जानिए, बृजमोहन अग्रवाल को केंद्र में भेजने के क्या हैं मायने
सबसे खास और बड़ी बात ये है कि पार्टी ने छत्तीसढ़ बीजेपी के कद्दावर नेता और 8 बार के रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से सांसदी का टिकट दिया गया है। यानी बीजेपी के ‘संकटमोचन’ को राज्य से केंद्र में बुलाने की तैयारी है। रायपुर से सांसद सुनील सोनी की जगह बृजमोहन अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया गया है। बृजमोहन लगातार 8 बार से विधायकी चुनाव जीतते आ रहे हैं और सीनियर मंत्री भी रहे हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ बीजेपी की राजनीति में संकटमोचन कहा जाता है। ऐसे में इस सूची में उनका नाम आना चौंकाने वाली बात है । हालांकि विधानसभा चुनाव के समय से ही उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाने की बातें सियारी गलियारें में आती रही है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने नई पीढ़ी के चेहरों को मौका दिया है। जूनियर और सीनियर का बैलेंस बना हुआ है। पहली बार मंत्री बने कई विधायकों को भी बड़े और महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही कि बृजमोहन को केंद्र में भेजकर उन्हें बड़ा पोर्टफोलियों दिया जा सकता है और प्रदेश के अन्य सीनियर बीजेपी नेताओं को मंत्री पद पर बैठाया जाए। बृजमोहन के केंद्र में जाने पर दो कैबिनेट पद खाली हो जाएंगे। ऐसे में राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल जैसे अनुभवी नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है। क्योंकि वो पहले भी रमन कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। पार्टी उनके अनुभवों को लाभ ले सकती है।

इस वजह से विजय और संतोष को मिला दोबारा मौका
बीजेपी ने दुर्ग सांसद विजय बघेल को दोबारा टिकट दिया है। बघेल विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र समिति के संयोजक थे। उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र तैयार किया गया था। इस मेनिफेस्टो में कई महत्वपूर्ण वादों को शामिल किया गया, जिससे पार्टी को चुनाव में लाभ भी मिला। बघेल हर वर्ग के लोगों से मुलाकर कर मेनिफेस्टो तैयार किया था। वहीं पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़े थे। ऐसे में पार्टी ने उन पर दोबारा विश्वास जताया है। वहीं बस्तर संभाग में राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय की अहम भूमिका रही क्योंकि वो इस संभाग के प्रभारी थे। उनके आक्रामक नेतृत्व में पार्टी ने 12 में से 8 सीटें जीतीं। आदिवासी और धर्मांतरण का मुद्दा चुनाव में हावी रहा। यही कारण है कि पूर्व सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव का नाम आने के बाद भी पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है।

लोकसभा चुनाव 2019 की स्थिति
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 11 सीटों में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कोरबा और बस्तर सीट पर बीजेपी फतह हासिल नहीं कर सकी थी। बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर कुल 9  सीटों पर जीत दर्ज की थी। कोरबा से कांग्रेस के दिग्गज नेता चरणदास मंहत की पत्नी ज्योत्सना महंत और बस्तर से मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बाजी मारी थी।

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