रायपुर

भाजपा में शामिल होते ही धुल जाते हैं सारे पाप कांग्रेस ने उठाया सवाल, एसीबी की एफआईआर में चिंतामणि का नाम हटा

छत्तीसगढ उजाला

 

रायपुर (छत्तीसगढ उजाला)। लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कोल स्कैम का मामला गरमाने लगा है। ‘कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद चिंतामणी महराज का चिंता टल गया है।’ भाजपा ने अब उन्हें लोकसभा के लिए टिकट भी दे दिया है। वहीं कोल स्कैम मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने सवाल उठाया। छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब चिंतामणी कांग्रेस में थे, तो कोल घोटाले का आरोप लगा। उन्हें भी आरोपी ठहराया गया था, लेकिन भाजपा में प्रवेश करते ही घोटले के सारे दाग धुल गया। उन्होंने मांग की है कि बाकी आरोपियों की तरह चिंतामणी महराज पर भी एफआइआर दर्ज हो।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार और कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के उद्देश्य से कांग्रेस की सरकार के दौरान ईडी ने अनेक कार्यवाहियां किया था। ईडी ने तथाकथित कोल घोटाला को लेकर तीन सालों तक जांच किया और जब कुछ हासिल नहीं कर पाई, तो ईडी ने राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो को 11 जनवरी 2024 को पत्र लिखकर इस मामले में एफआईआर दर्ज करने को कहा।
उन्होंने आगे कहा कि इस पत्र में ईडी ने इस तथाकथित कोल घोटाले को लेकर विस्तृत ब्यौरा भी दिया। इसमें कुछ लोगों के नाम भी सौंपा जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने को कहा गया था। इस पत्र में ईडी ने जिन लोगों के नाम सौंपा है, उनके सामने तथाकथित रूप से कितनी राशि प्राप्त हुई उसका उल्लेख भी किया है। इसी में 10वें क्रम पर ईडी ने तत्कालीन कांग्रेस के सामरी से विधायक चिंतामणी महराज के नाम का उल्लेख करते हुए पांच लाख रुपये लिए जाने का दावा किया है। ईडी ने उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने को लिखा है।
कमल छाप का ताबीज पहनकर महराज ईमानदार हो गए
शुक्ला ने कहा कि ईडी ने इस पत्र के आधार पर एसीबी ने जो एफआईआर 17 जनवरी 2024 को दर्ज किया है, उसमें चिंतामणी महराज का नाम नहीं है। चिंतामणी महराज जो कांग्रेस के विधायक थे, अब भाजपा में शामिल होकर भाजपा से सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार हैं। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि जैसे ही मोदी के वाशिंग मशीन में डाले गए उनके सारे पाप धुल गया। कमल छाप का ताबीज पहनकर वे ईमानदार हो गए। एक पत्र के आधार पर जब 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है, तो फिर चिंतामणी महराज का नाम एफआईआर से बाहर क्यों किया गया? इसीलिए कि वे भाजपा में शामिल हो गए हैं?
भाजपा में शामिल होने के बाद रोक दी जाती है कार्रवाई
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह भाजपा का चरित्र है विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी, आईटी, सीबीआई को आगे कर मुकदमा दर्ज किया जाता है, दबाव बनाया जाता है, जेल भेजा जाता है, लेकिन जैसे ही वह नेता भाजपा में शामिल हो जाता है उसके खिलाफ सारी कार्रवाई रोक दी जाती है। उन्होंने कहा कि अजीत पवार, हेमंत बिसवा सर्मा, नारायण राणे, रेड्डी बंधु, मुकुल राय, शुवेंदु अधिकारी, एकनाथ शिंदे, अशोक चौहान जैसे कई उदाहरण है।

‘चिंतामणी महराज बताए आरोप गलत या सही’
शुक्ला ने आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी और एसीबी की इस कार्रवाई से साफ हो रहा है कि यह तथाकथित कोल घोटाले का आरोप भाजपा का राजनैतिक षड़यंत्र है। भाजपा के इस राजनैतिक एजेंडे को ईडी के माध्यम से अमल किया गया। ईडी के माध्यम से विरोधियों को फंसाने का षड़यंत्र रचा गया है। अपने सुविधा और राजनैतिक षड़यंत्रों के आधार पर लोगों को बदनाम करने नाम जोड़े गए, काटे गए। उन्होंने कहा कि चिंतामणी महराज प्रदेश की जनता को बताए कि ईडी ने तथाकथित कोल स्केम में 5 लाख लेने का जो गंभीर आरोप लगा वह आरोप सही या गलत। उन्होंने सीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बताये कि ईडी के पत्र में चिंतामणी महराज के खिलाफ एसीबी को एफआईआर करने को लिखा है फिर किसके दबाव में एसीबी ने चिंतामणी महराज का नाम हटाया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button