
रायपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)-छत्तीसगढ़ में 4 नवंबर से विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के तहत घर-घर मतदाता गणना की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इस बीच कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे सवालों और “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल में देश में 10 बार SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) हो चुका है। यह निर्वाचन आयोग की नियमित प्रक्रिया है, इसमें कुछ भी नया या संदिग्ध नहीं है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस का यह अभियान केवल बयानबाजी है, उसमें कोई दम नहीं है। वे सिर्फ दिखावे की राजनीति कर रहे हैं।”
🔹 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर बोले चंद्राकर
CG Politics : पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्राकर ने कहा कि सरकार और नक्सलियों के बीच किसी प्रकार की गोपनीय वार्ता नहीं हुई है। सरकार का रुख पूरी तरह स्पष्ट और सही है।
उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, “कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में नक्सलवाद कैसे फैला और झीरम कांड के आरोपियों को उन्होंने क्यों नहीं पकड़ा? कांग्रेस का नक्सलियों से पुराना संबंध रहा है।”
🔹 जिलाध्यक्ष चयन में देरी पर कसा तंज
कांग्रेस संगठन में जिलाध्यक्षों के चयन में देरी पर चुटकी लेते हुए अजय चंद्राकर ने व्यंग्य किया—
“कांग्रेस हाईकमान इस समय बिहार में मछली पकड़ रहा है, जब फुर्सत मिलेगी तभी जिलाध्यक्ष चुने जाएंगे।”
उन्होंने मजाकिया लहजे में आगे कहा, “अगर जल्दी है तो गंगरेल में मछली पकड़ने आ जाएं।”
चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस में निर्णय लेने की प्रक्रिया हमेशा एक ही परिवार के हाथों में रही है —
“माता, भाई या बहन के कहने पर ही कांग्रेस में फैसले होते हैं।”




