कलेक्टर एवं वनमण्डलाधिकारी कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री साय की सख्त समीक्षा — वन विभाग के कार्यों की गहन पड़ताल, कानून व्यवस्था पर भी दिए निर्देश

रायपुर(छत्तीशगढ़ उजाला)-राजधानी रायपुर में आज कलेक्टर एवं वनमण्डलाधिकारी कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उच्चस्तरीय बैठक में वन विभाग के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव सहित प्रदेश के सभी कलेक्टर, वनमण्डलाधिकारी एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य की हरियाली और वन संपदा छत्तीसगढ़ की पहचान है, इसलिए वन विभाग से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता और गति दोनों आवश्यक हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वृक्षारोपण, वनों के संरक्षण, और वनवासी समुदायों के कल्याण से जुड़े कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग समय-समय पर की जाए।
इससे पहले हुई एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था, नशे के अवैध कारोबार और सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के अवैध व्यापार पर पूरी सख्ती से रोक लगाई जाए, क्योंकि नशा अन्य अपराधों को भी बढ़ावा देता है। मुख्यमंत्री ने NDPS एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के तहत दर्ज मामलों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीएम साय ने यह भी कहा कि अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता और निगरानी को और बढ़ाया जाए, ताकि अन्य राज्यों से होने वाली अवैध गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके। उन्होंने सड़क सुरक्षा को लेकर भी पुलिस अधीक्षकों को ठोस रणनीति अपनाने और सड़कों पर सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री की इस समीक्षा बैठक को प्रदेश की प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार और समन्वय बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।