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1 हजार करोड़ रुपए का गबन, हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई करेगी जांच



रायपुर, 23 सितम्बर 2025
छत्तीसगढ़ में फर्जी एनजीओ के जरिए किए गए बड़े घोटाले का मामला अब सीबीआई के हाथों में पहुंच गया है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी है। आरोप है कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान बनाए गए फर्जी एनजीओ की आड़ में लगभग 1 हजार करोड़ रुपए का गबन किया गया।

दो बड़े आईएएस अफसरों पर आरोप

इस पूरे प्रकरण में दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम सामने आए हैं—

विवेक ढांढ (1981 बैच) : छत्तीसगढ़ के मूल निवासी, जो राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्य सचिव (3 साल 7 महीने) रहे। भूपेश बघेल सरकार में नवाचार आयोग के अध्यक्ष भी रहे। कांग्रेस सरकार के जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

एमके राउत (1984 बैच) : ओडिशा मूल के तेजतर्रार अधिकारी, जिन्होंने रायपुर और बिलासपुर के कलेक्टर सहित कई अहम विभागों में सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में काम किया।


दोनों पर आरोप है कि इनके कार्यकाल में ही फर्जी एनजीओ तैयार किए गए और उन्हीं की आड़ में सीएसआर फंड तथा सरकारी परियोजनाओं से अरबों की बंदरबांट की गई।

पहले भी हुआ था बड़ा खुलासा

करीब चार महीने पहले ही जशपुर पुलिस ने रत्नाकर उपाध्याय और उनकी पत्नी अनिता उपाध्याय को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। आरोप था कि उन्होंने फर्जी एनजीओ बनाकर 15 राज्यों में सीएसआर फंड से करोड़ों का ठेका दिलाने का झांसा देकर लगभग 150 करोड़ रुपए की ठगी की थी।

अब सीबीआई करेगी सख्त जांच

हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सीबीआई इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाएगी। माना जा रहा है कि जांच में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। यह घोटाला छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों तक फैला हुआ है।

प्रशांत गौतम

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