
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। अवैध कार्य को संरक्षण देने वाले खंड चिकित्सा अधिकारी कोटा और अवैध कार्य में संलिप्त कर्मचारियों विरुद्ध कार्यवाही करने की शिकायत को गंभीरता से न लेते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी को संरक्षण प्रदान करते हुए अमान्य जांच कमेटी गठन कर लिपा पोती करते हुए आरएमए और लिपिक द्वारा किए जा रहे अवैध कार्य को संरक्षण देने वाले खंड चिकित्सा अधिकारी को ही दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही का हास्यास्पद निर्देश जारी करना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की मानसिकता स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है।
सिविल सेवा (आचरण नियम) 1965 एवं मानव संसाधन नियम 2018 तथा शासन के आदेश का उल्लंघन करते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी के संरक्षण में 2021 से ग्रामीण चिकित्सा सहायक केंदा, सामुदायिक स्वास्थ केंद्र कोटा में बैठ कर खुद के नाम का एंबुलेंस चला कर निजी व्यवसाय कर रहा है,मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने के गोरख धंधा में संलिप्त रह कर अतिरिक अवैध आय प्राप्त कर रहा है। इतना ही नहीं बीएमओ की मेहरबानी से बिना काम के उसे वेतन भी भुगतान किया जा रहा है साथ ही एचडब्ल्यूसी प्रोत्साहन राशि भुगतान किया जा रहा है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में पदस्थ सहायक ग्रैंड तीन लिपिक जो क्लिनिक खोल कर मरीजों का खुलेआम बिना कोई योग्यता के इलाज कर रहा है साथ ही शासकीय दवाइयों को बेंच रहा है। एसडीम कोटा द्वारा क्लिनिक पर छापा मार कर शील किया गया उसे भी संरक्षण देते हुए किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न तो खंड चिकित्सा अधिकारी ने किया और न ही सीएचएमओ द्वारा किया गया।
उक्त प्रकरण पर कलेक्टर से संघ द्वारा बीएमओ एवं अवैध कार्य में लिप्त आरएमए और लिपिक के विरुद्ध कार्यवाही हेतु शिकायत दर्ज कराया गया था जिस पर कलेक्टर द्वारा सीएमएचओ को समय सीमा में जांच कर कार्यवाही करते हुए अवगत कराने निर्देशित किया गया था।
खंड चिकित्सा अधिकारी कोटा द्वितीय श्रेणी का अधिकारी है। जिनके विरुद्ध जांच कमेटी में उच्च पदधारी कम से कम 3 सदस्य का होना अनिवार्य होता है। किंतु सीएमएचओ द्वारा डॉक्टर बांधी एक मात्र चिकित्सक एक लिपिक सहायक ग्रैंड तीन और एक संविदा कर्मचारी तृतीय संवर्ग की जांच कमेटी गठन कर जांच कराया जा रहा था ।
जिस पर संघ विरोध दर्ज कराते हुए अमान्य कारक जांच समिति को रद्द कर विधिमान्य जांच समिति गठित करने की मांग करने बावजूद अवैध जांच समिति से आनन फानन में जांच कराया गया जिसकी भनक शिकायतकर्ता को नहीं होने दिया गया।
अवैध जांच समिति के अध्यक्ष डॉक्टर बांधी द्वारा जांच कर जो रिपोर्ट सीएमएचओ को सौंपा गया उसमें शिकायतकर्ता के नाम का उल्लेख तो किया गया किंतु न तो शिकायतकर्ता का बयान लिया गया और न ही शिकायतकर्ता को जांच रिपोर्ट प्रदाय किया गया।
संघ ने सीएमएचओ के विरुद्ध कलेक्टर को शिकायत दर्ज कराते हुए उनके द्वारा कराए गए जांच को रद्द करते हुए कलेक्टर कार्यालय से अधिकारियों की समिति बना कर जांच कराने की मांग की है ।
दोषियों को संरक्षणदाता जिस खंड चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ जांच उसी खंड चिकित्सा अधिकारी को कार्यवाही का निर्देश
सिविल सेवा (आचरण नियम) 1965 एवं मानव संसाधन नियम 2018 तथा शासन के आदेश का उल्लंघन करते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी के संरक्षण में 2021 से ग्रामीण चिकित्सा सहायक सहायक सामुदायिक स्वास्थ केंद्र कोटा में बैठ कर खुद के नाम का एंबुलेंस चला रहा है,मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने के गोरख धंधा में संलिप्त रह कर अतिरिक अवैध आय प्राप्त कर रहा है । इतना ही नहीं बीएमओ की मेहरबानी से बिना काम के उसे वेतन भी भुगतान किया जा रहा है साथ ही एचडब्ल्यूसी प्रोत्साहन राशि भुगतान किया जा रहा है।
संघ द्वारा बीएमओ को हटाते हुए आरएमए एवं बीएमओ के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की मांग करते हुए कलेक्टर और सीएचएमओ को पत्र प्रेषित किया गया है ।