छत्तीसगढ़

23 दिनों के चुनाव प्रचार से लौटते ही मुख्यमंत्री भूपेश ने सीएम हाउस में ली मैराथन बैठक, सतही जल के अधिक उपयोग पर जोर

रायपुर। देशभर में 23 दिनों के मैराथन चुनाव प्रचार के बाद गुरूवार को राजधानी रायपुर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों की मैराथन बैठक ली। सीएम हाउस में हुई इस बैठक में उन्होंने राज्य में पेयजल आपूर्ति की समस्या के साथ-साथ नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी व आगामी खरीफ फसल के लिए खाद, बीज और उर्वरकों की उपलब्धता समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री भूपेश ने अगले वर्ष (2020) तक सभी निकायों को पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर मुक्त करने का निर्देश दिया है। सीएम ने पेयजल के लिए भूजल की बजाय सतही जल के उपयोग पर जोर दिया है। बैठक में मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों के अनेक हिस्सों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति किए जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। सीएम ने कहा कि ऐसे उपाय सुनिश्चित करें जिससे आगामी गर्मी के मौसम यानी वर्ष 2020 तक पानी उपलब्ध कराने के लिए टैंकरों की आवश्यकता न पड़े। उन्होंने इसके लिए सभी नगरीय निकायों विशेषकर रायपुर, भिलाई आदि में जहां हर साल गर्मी में पेयजल समस्या आती है उन्हें चिन्हांकित कर स्मार्ट सिटी परियोजना और अमृत योजना आदि के माध्यम से समस्या का समाधान करने को कहा। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या दूर करने के लिए नगरीय निकायों को 20 करोड़ रुपए जारी किया गया था। इसके अलावा 25 करोड़ की और मांग आने पर पेयजल की व्यवस्था के लिए राशि जारी की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में परम्परागत रूप से वर्षा जल को रोकने के लिए तालाबों का निर्माण किया जाता था। पानी को पैठू सिस्टम के माध्यम से फिल्टर कर तालाबों में डाला जाता था। इसी तरह गांव में निस्तारी, मवेशियों के साथ-साथ पेयजल के लिए एक-एक तालाब को सुरक्षित रखा जाता था। आज छत्तीसगढ़ के ऐसे गांव जहां फ्लोराइड, आयरन और आर्सेनिक जैसी समस्याएं हैं, वहां विशेष रूप से तालाबों की परम्परा को बढ़ावा दिए जाने की और ऐसे सरफेस वाटर के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से बरसात के पूर्व शहरों के नालों और नालियों की ईमानदारी पूर्वक सफाई कराने के निर्देश दिए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष भूगर्भ का वॉटर लेवल ठीक है, किंतु बेमेतरा जिले के 109 गांवों में हैंडपंप सूख गए हैं। इन गांवों में जल आपूर्ति की जा रही है तथा समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से पानी का प्रदाय किया जा रहा है।

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