भोपाल । भोपाल जिले में बेनामी संपत्तियों की जांच की जा रही है। डेढ़ लाख संपत्तियों के मालिक नहीं मिल रहे हैं। राजस्व महाअभियान के तहत संपत्तियों को उनके मालिक के नाम की समग्र में केवाईसी कराई जा रही है। संपत्तियाँ तो हैं, लेकिन भूमि स्वामी के नाम का पता नहीं चल रहा है। अभी तक डेढ़ लाख लोगों की संपत्तियों के मालिक का पता राजस्व अधिकारी नहीं लग पा रहे हैं।
भोपाल जिले के तहसीलदार,पटवारी, एसएलआर संपत्ति के संबंध में फोन करके जानकारी ले रहे हैं। संपत्ति मलिक जानकारी देने से बच रहे हैं। जो मिल भी गए हैं तो वह जानकारी नहीं दे रहे हैं। वह केवाईसी नहीं करना चाह रहे हैं।
भोपाल जिले के सभी जमीनों और संपत्तियों को खसरों की जानकारी के साथ समग्र आईडी से जोडा जा रहा है। भोपाल जिले में लगभग 50 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है। 31 अगस्त तक यह कार्य पूर्ण किया जाना है। संपत्ति के मालिक समग्र के लिए जानकारी देने तैयार नहीं हैं।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल है। यहां पर पदस्थ अधिकारियों, मंत्रियों, विधायकों ने भोपाल में अरबों खरबों रुपए की संपत्ति खरीद रखी है। यह सब बेनामी संपत्ति है। मंत्रियों, अधिकारियों ने अपने ड्राइवर,माली और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर जमीन और संपत्तियों को खरीदा है। जिनके नाम संपत्ति खरीदी गई है। उनको भी नहीं मालूम की भोपाल में उनकी कोई संपत्ति है। अब जब समग्र में सभी के नाम जोड़े जा रहे हैं। तो पावरफुल लोग जानकारी नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण बेनामी संपत्ति के वास्तविक मालिक नहीं मिल पा रहे हैं।