छत्तीसगढ

*●सियासत●* *●हर तरफ तेरा चेहरा नज़र आए●* *●गारंटियों की सवारी पर ‘महादेव’ भारी…●*

सियासत●

(अनिल मिश्रा)

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा की गारंटियों की सवारी पर महादेव सट्टा भारी पड़ रहा है। दोनों ही पार्टियां इस मुद्दे में आपस में गुत्थमगुत्था हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह, रविशंकर प्रसाद, देवेंद्र फडणवीस, रमन सिंह इस सट्टेबाजी पर अपनी सियासी तोपों का मुंह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ खोलकर दनादन फायरिंग कर रहे हैं तो कांग्रेस की तरफ से भूपेश बघेल के बाद अब राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी भाजपा पर हमला बोल रहे हैं। भूपेश बघेल तो रमन सिंह पर सवाल खड़े कर रहे हैं और कह रहे हैं कि किसका पैसा है, इसकी जांच की जाए। रमन सिंह इस मामले में कह रहे हैं कि सट्टे का पैसा चुनाव में बहाया जा रहा है। उनके चुनाव क्षेत्र में खूब पैसा उड़ाया गया है लेकिन वे अब तक का रिकॉर्ड तोड़ कर ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे। वैसे पूरे छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टे पर राजनीति गर्म है।

राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि महादेव एप के साथ 22 एप को बैन किया गया लेकिन उनसे टैक्स कौन वसूल रहा है। नमो नाम से कितने सट्टा एप चल रहे हैं। उन पर हमें आपत्ति है। उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। प्रमोद तिवारी कह रहे हैं कि रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह दुबई कितनी बार जाते हैं। उनके पासपोर्ट की जांच की जाए। 500 करोड़ दुबई से यहां कोई कैसे ला सकता है। उसको किसका संरक्षण है, इसे भाजपा को बताना चाहिए। मतलब सीधे तौर पर कांग्रेस ने उस पैसे को लेकर रमन सिंह को लपेटे में लिया है जो ईडी की जांच में बरामद किया गया है और जिस मामले में ईडी पहले ही अपनी प्रेस रिलीज में कह चुकी है कि पकड़े गए व्यक्ति ने भूपेश बघेल का नाम लिया है। इसके बाद से ही भाजपा और कांग्रेस के बीच महादेव ऐप को लेकर जमकर खींचकर मची हुई है। भूपेश बघेल ने सवाल उठाया था कि महादेव ऐप को केंद्र सरकार बंद क्यों नहीं कर रही जबकि भाजपा की ओर से लगातार कहा जा रहा था कि राज्य सरकार को इस मामले में अधिकार है। आखिरकार केंद्र सरकार ने ईडी के आग्रह पर महादेव एप सहित 22 एप बैन कर दिए। इस मामले में कहा जा रहा था कि राज्य सरकार ने इसे बैन करने के लिए चिट्ठी लिखी लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह स्पष्ट कर दिया कि भूपेश बघेल ने ऐसी कोई चिट्ठी केंद्र सरकार को नहीं लिखी। रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार यह कहते आ रहे हैं कि वह महादेव एप पर कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन भूपेश बघेल ने महादेव एप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। भूपेश ने केवल कार्रवाई करने का दिखावा किया और लगातार रुपए की वसूली करते रहे।

इधर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने ईडी पर भाजपा के राजनीतिक उद्देश्यों के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि महादेव ऐप पर ईडी ने भाजपा की स्क्रिप्ट के अनुसार रेस रिलीज जारी कर चुनाव में मीडिया का ध्यान भटकाने की भाजपा की साजिश को सफल बना दिया। उनका कहना है कि महादेव एप मामले में पिछले वर्ष सबसे पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरू की। 72 मामले दर्ज किए गए। 449 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 1991 लैपटॉप, 865 मोबाइल और डेढ़ करोड़ रुपए की संपत्ति बरामद की। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर ही ईडी ने मामला दर्ज किया। उनका कहना है कि भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने महादेव सट्टा एप मामले में शुभम सोनी नाम के व्यक्ति के कथित ऑडियो के संदर्भ में मेरा नाम लिया है। इससे मेरी मानहानि हुई है। मैंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सिद्धार्थनाथ को कानूनी नोटिस दिया है।

अब बात करें चुनाव प्रचार के दौरान महादेव एप की गूंज पर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर काफी कुछ अपनी सभाओं में बोल चुके हैं। उनका कहना है कि अब तो महादेव के नाम पर भी घोटाला कर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस पर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। उन्होंने जशपुर के बगीचा की जनसभा में महादेव एप को लेकर भूपेश सरकार की जमकर घेराबंदी की। शाह कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रमा पर चंद्रयान भेजा तो उस पॉइंट को शिव शक्ति पॉइंट नाम देकर भगवान शंकर के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का काम किया और यहां कांग्रेस की सरकार ने महादेव ऐप से जोड़कर सट्टा खोलने का काम किया। अरे भाई कम से कम महादेव को तो छोड़ देते। आज बच्चा-बच्चा कह रहा है कि सट्टे पर सट्टा कौन कर रहा, भूपेश कक्का। अब तक मोदी अपनी सभाओं में कह रहे थे कि तीस टका कक्का, आपका काम पक्का। अब शाह कह रहे हैं कि सट्टे पर सट्टा, भूपेश कक्का। तीस टका कक्का और सट्टे पर सट्टा भूपेश कक्का के भाजपाई शोर में इस समय भूपेश है तो भरोसा है और कका अभी जिंदा है, जैसे संवाद फीके पड़ते महसूस हो रहे हैं। एक ही मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने दांव खेला है।भाजपा ने महादेव सट्टे में पुलिस की भूमिका पर लगातार सवाल उठाए हैं। कल पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी छत्तीसगढ़ पुलिस को निशाने पर लिया।

इस मामले में दो आईपीएस अफसरों के नाम चर्चित वीडियो में सामने आए थे। अब खबर है कि ये दोनों आईपीएस अफसर ईडी के राडार पर हैं। इन्हें नोटिस जारी किया गया है। राज्य के कुछ आईएएस अफसर अन्य घोटालों में पहले ही जेल में हैं। ऐसे में जनता का ध्यान इस पर जाना स्वाभाविक है। ईडी की कार्रवाई में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर भाजपा भूपेश सरकार को भ्रष्ट साबित करने पर तुली हुई है तो कांग्रेस ईडी की कार्रवाई को साजिश करार देकर जनता की हमदर्दी हासिल करना चाहती है। अब समझदार जनता को ही यह फैसला करना है कि सच्चे का बोलबाला और झूठे का मुंह काला हो।

Anil Mishra

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