चंडीगढ़। हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों में शनि जयंती मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद छ: जून को शनि जयंती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को छ: जून है और इस तारीख पर न्याय के देवता शनिदेव की जयंती मनाई जाएगी। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत पांच जून की शाम को सात बजकर 54 मिनट से होगी और इसका समापन छह जून को शाम छह बजकर सात मिनट पर होगी। इस कारण शनि जयंती के मुख्य कार्यक्रम छ: जून को मनाए जाएंगे, जिनकी शुरूआत पांच जून को हो चुकी होगी।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए शुभ माना जाता है यह दिन
शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिए शनि जयंती सबसे शुभ दिन माना जाता है। उत्तर भारत में दिल्ली के असोला स्थित श्रीसिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम में शनि जयंती महोत्सव काफी वृहद स्तर पर मनेगा जिसकी तैयारियां चल रही हैं। शनि जयंती की पूर्व संध्या पर असोला शक्तिपीठ में विशाल भजन संध्या का आयोजन होगा। श्री शनिधाम पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी निजस्वरूपानंदपुरी (दाती जी) महाराज के सानिध्य में शनि जयंती महोत्सव के समस्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
असोला धाम में धूमधाम से मनाया जाएगा शनि जयंती
शनिदेव चूंकि न्याय के देवता हैं इसलिए इसी दिन 35वीं सामाजिक समरसता विचार गोष्ठी का भी आयोजन असोला धाम में किया गया है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा से सटे दिल्ली के असोला में भगवान शनिदेव का सिद्ध शक्तिपीठ है, जहां देश भर से श्रद्धालु आते हैं। पांच जून को होने वाले कार्यक्रम में सैकड़ों साधू-संत भी शामिल होंगे, जबकि भजन संध्या में विख्यात भजन गायक सवाई भट्ट, गजेंद्र राव, खेते खान, हेमराज गोयल और धनराज जोशी भजन प्रस्तुत करेंगे। श्री शनिधाम असोला के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि पांच जून की रात 12 बजे शनिधाम पीठाधीश्वर दाती जी महाराज द्वारा महाआरती एवं मंचामृत, तेलाभिषेक और हवन किया जाएगा। प्रचंड गर्मी (नौतपा) को देखते हुए मंदिर परिसर में शीतल जल और पंखे-कूलर की व्यवस्था की गई है। यह शनिधाम गायों की सेवा के लिए प्रसिद्ध है, जहां सैकड़ों गायों को गोशाला में रखा गया है। धाम की ओर से राजस्थान में भी गोशालाओं का संचालन हो रहा है। दाती जी महाराज ने कहा कि बहुत ही शुभ मुहूर्त में शनि जयंती महोत्सव का महापर्व होने वाला है। इस दिन जो भक्त शनिदेव की प्रतिमा के दर्शन और तेलाभिषेक करते हैं, उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
शनिधाम में अष्टधातुओं से बनी भगवान शनिदेव की विशालकाय मूर्ति
दिल्ली के महरौली स्थित असोला (फतेहपुर बेरी) में शनिदेव की सबसे बड़ी मूर्ति विद्यमान है जो कि अष्टधातुओं से बनी है। देश में इस मूर्ति को सबसे बड़ी होने का दावा किया गया है। इसकी स्थापना 31 मई 2003 को दाती जी महाराज के सानिध्य में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज द्वारा अनावरण कर की गई थी। इस जगह पर भगवान शनिदेव की प्राकृतिक चट्टान की मूर्ति भी है। इस मूर्तिको स्थापित करने से पहले 100 करोड़ 32 लाख बार शनि मंत्रों का जाप किया गया था।