फर्जी नाम पते का दस्तावेज देकर अलग-अलग बैंकों से लोन लेकर होते फरार, 21 लाख रुपये के फर्जी लोन मामले में दो गिरफ्तार
छत्तीसगढ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। व्यापार विहार स्थित बैंक में फर्जी दस्तावेज जमा कर 27 लाख रुपये लोन लेने के मामले में पुलिस ने भोपाल में दबिश देकर दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपित को न्यायालय में पेश किया है। दुर्ग के स्टील कालोनी में रहने वाले सुमित सिंह एचडीएफसी बैंक में लोकेशन मैनेजर हैं। उन्होंने बैंक में फर्जी दस्तावेज जमा कर 21 लाख रुपये लोन लेने की शिकायत की है। बैंक मैनेजर ने अपनी शिकायत में बताया कि अमोल विला कालोनी में रहने वाले भागवत सिंह राजपूत ने 11 लाख रुपये लोन लेने के लिए चार नवंबर 2023 को आवेदन दिया था। उसने खुद को टेफे मोटर्स कंपनी का सेल्स एग्जीक्यूटिव बताया था। इसके लिए उसने फर्जी वेतन पर्ची और अन्य दस्तावेज जमा किए।
बैंक की ओर से भागवत को 11 लाख रुपये का लोन दिया गया है। इसी तरह भागवत के साथी सूरत सिंह प्रजापति निवासी शैल विहार मंगला ने बैंक से 10 लाख रुपये का लोन लिया है। दस्तावेज की जांच में पता चला कि दोनों का टेफे कंपनी से कोई संबंध नहीं है। बैंक मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया। जांच के दौरान पता चला कि आरोपित फर्जी नाम पते का दस्तावेज देकर अलग-अलग बैंकों से लोन लेकर फरार हो जाते हैं। साइबर सेल से पता चला कि आरोपित फिलहाल भोपाल में रह रहे हैं। इस पर सिविल लाइन टीआइ प्रदीप आर्य ने जवानों को भोपाल रवाना किया।
भोपाल के रयालदीप मंडीदीप में दबिश देकर पुलिस ने आरोपित सूरज पटेल(26) और दानिश नगर स्नेहा टावर में घेराबंदी कर दीपेश नहरिया(22) को पकड़ लिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित को बिलासपुर लाकर न्यायालय में पेश किया है। ऐसे देते थे धोखाधड़ी को अंजाम आरोपित सूरज पटेल ने फर्जी दस्तावेज देकर बैंक में राहुल पटेल के नाम से खाता खोला था। इसमें उसने अपना फोटाे लगाया था। इसके साथ ही उसने टैफे मोटर्स का फर्जी आईडी तैयार कर बैंक पर खाता खुलवाया था। इसके सहारे उसने बैंक से लोन ले लिया। वहीं,दीपेश नहरिया ने खुद को टैफे मोटर्स का संचालक बताया। उसने राजेंद्र सिंह के नाम की फर्जी आइडी और दस्तावेज देकर बैंक में खाता खुलवाया। इसके बाद वे बैंक से लोन लेकर फरार हो गए।