बिलासपुर

बीसीजी टीकाकरण के बाद दो शिशुओं की मौत किन कारणों से हुई, इसका खुलासा अब शायद कभी नहीं हो पाएगा? पुलिस को अस्पताल से नहीं दी गई जानकारी

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। कोटा क्षेत्र के पटेता के कोरीपारा में बीसीजी टीकाकरण के बाद दो शिशुओं की मौत किन कारणों से हुई, इसका खुलासा अब शायद कभी नहीं हो पाएगा। इसकी वजह है कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों द्वारा पुलिस से मर्ग कराए बिना ही शव स्वजन को सौंप दिया। न तो बच्चों का पोस्टमार्टम कराया गया, जिससे यह पता चले कि अगर बच्चों की मौत टीकाकरण से नहीं हुई तो मौत की वजह क्या थी।

कोटा ब्लाक के ग्राम पटेता कोरीपारा निवासी दोनों बच्चों की मौत शुक्रवार व शनिवार को हुई थी। बीसीजी टीकाकरण के बाद कुछ बच्चों की हालत भी बिगड़ गई थी। दो शिशुओं की मौत की जानकारी लगते ही स्वास्थ्य अमला हरकत में आ गया और अन्य शिशुओं को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया था। स्वास्थ्य अधिकारियों से जब बात करने का प्रयास किया तो उनका जवाब था, मामलों को बेवजह की तूल दिया जा रहा है। वैक्सीन सही थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जब वैक्सीन सही होने पर इतना ही भरोसा था, दोनों शिशुओं की मौत की सूचना कोटा थाने को देकर पंचनामा व पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वैक्सीनेशन से मौत हुई या नहीं, इसका खुलासा हो जाता। बहरहाल स्वास्थ्य अमले ने दोनों शिशुओं का शव स्वजन को सौंप कर मामले को रफा-दफा कर दिया है।

पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने की स्वजन से मुलाकात

रविवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव बिलासपुर पहुंचे। टीकाकरण के बाद सात बच्चों की हालत बिगड़ने व दो शिशुओं की मौत की जानकारी लगते ही वह सीधे जिला हास्पिटल पहुंच गए। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने बच्चों के स्वजन से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने चिकित्सकों से बात कर बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा टीकाकरण से एक साथ कई बच्चों का बीमार होना कोई सामान्य परिस्थिति नही है। जिन बच्चों की मृत्यु हुई है उन्हें आनन-फानन में अंत्येष्टि करने से पहले पोस्टमार्टम कराया जाना था। इससे मौत की वास्तविकता का पता चलता। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि कोटा क्षेत्र में शिशुरोग विशेषज्ञ का ना होना भी गलत है। संदिग्ध दवा के बैच के उपयोग पर भी रोक लगनी चाहिए। साथ ही मामले में विस्तृत जांच होनी चाहिए। उन्होंने टीकाकरण को लेकर कहा कि इस बैच की दवा जहां-जहां मौजूद है वहां तत्काल इस पर रोकथाम करनी चाहिए ताकि इसे रोका जा सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button