छत्तीसगढ

*अंधमूक बधिरों को समाज मे आगे लाने के लिए सरकार को करनी होगी बड़ी पहल……* *राजधानी के क्लार्क्स इन होटल ने शुरू की एक अच्छी पहल….*

*शासकीय व निजी संस्थान में रोजगार देने के लिए करना होगा प्रावधान.....*

*रायपुर छत्तीसगढ़ उजाला*

आज देश हर क्षेत्र में प्रगति पथ पर अग्रसर है।सरकार अपनी ओर से अंधमुक बधिरों के विकास को लेकर बहुत सारी योजनाएं संचालित करती आ रही है लेकिन आज भी अंधमुक बधिरों का विकास सही मायने में नही हो सका है।आज भी समाज में बहुत सी बातें हम सभी को देखने को मिलती है कहीं ना कहीं आज भी समाज से सही मान सम्मान का हक पाने में यह वर्ग पीछे ही रहा है अंधमुक बधिर बच्चों को सरकार एक ऐसा प्रावधान बनाकर स्वरोजगार से जोड़ सकती है सामाजिक समानता के परिदृश्य में इन वर्गों को समानता का अधिकार देने का समय आ चुका है अब अगर छत्तीसगढ़ की एक बात करें तो आज बड़े पैमाने पर अंधमुक बाड़ीरो का प्रतिशत काफी ज्यादा बढ़ चुका है जिस परिवार में इस वर्ग का जो भी पीड़ित बालक या व्यक्ति होता है उसे घर के लोगों की मन दशा कैसी होती है इसका अंदाज हम सभी बहुत आसानी से लगा सकते हैं अंधमुक बधिरो को लेकर समाज में आज भी एक अलग दृष्टि से ही देखा जाता है यह भी हमारे समान वह हमारे साथ रहने वाले ही लोग हैं। मानवता के साथ इनके भी विकास की ओर देखने की आवश्यकता है।सरकार को इन वर्गो के हितों पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

प्रदेश की विष्णुदेव सरकार अंधमुक बधिर व दिव्यांग बच्चों को सीधी भर्ती के तहत शासकीय विभागों में भी पदस्थ कर सकती है।इससे इन वर्गों के परिवार का जीवन यापन सुगमता के साथ हो सकता है।इसके साथ ही प्रदेश के सभी होटल,रिसोर्ट सहित बड़े संस्थानो में इन अंधमुक बधिरों व दिव्यांग बच्चों को रोजगार दिलाने का भी काम किया जा सकता है।इन प्रावधानों से दिव्यांग व अंधमुक बधिर बच्चों को बड़ी संख्या में रोजगार दिलाने का काम किया जा सकता है।

राजधानी के वीआईपी चौक स्थित क्लार्क्स इन होटल में अंधमुक बधिर पांच बच्चों को रखा गया है।इन बच्चों को एक अच्छा रोजगार मिल गया है।इन बच्चों में कोई होटल आये आगन्तुक का स्वागत करते है कोई रेस्टोरेंट में सर्विस देने का काम करते है।इनकी मुस्कान आपको अपनी ओर अनायास ही आकर्षित करेगी।आज इस वर्ग को भी आगे लाने की आवश्यकता है।यह एक अच्छा अनुभव इस संस्थान में आप सभी को दिख सकता है।सरकार को भी इसी प्रकार से कार्य करने की आवश्यकता है।आखिर अंधमुक बधिर बच्चों के लिए अब हम सभी को मनन के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है।

Anil Mishra

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