रायपुर

पिस्टल की नोक पर एक परिवार से 66 लाख रुपये की नकदी और सोने के आभूषण की लूट, अंतरराज्यीय सहित दस गिरफ्तार

छत्तीसगढ

 

रायपुर (छत्तीसगढ उजाला)। 1 फरवरी 2024 को रायपुर के थाना खम्हारडीह क्षेत्र में एक बड़ी डकैती की घटना सामने आई, जिसमें आरोपियों ने पिस्टल की नोक पर एक परिवार से लगभग 66 लाख रुपये की नकदी और सोने के आभूषण लूट लिए।

घटना की सूचना मिलते ही रायपुर पुलिस तुरंत एक्टिव हो गई। पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले में नागपुर के दो अंतरराज्यीय आरोपी और एक महिला सहित कुल 10 आरोपी गिरफ्तार हुए है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से डकैती की पूरी रकम और अन्य सामान बरामद कर लिया है, जिनकी कुल कीमत लगभग 70 लाख रुपये है।

पढ़ें पूरा मामला

  • मनोहरण वेलू ने थाना खम्हारडीह में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अपनी बहन प्रेमा और रंजनी के साथ अनुपम नगर स्थित मकान में रह रहा था। 11 फरवरी 2024 को दिन के लगभग 2:30 से 3:20 बजे के बीच घर में तीन नकाबपोश व्यक्तियों ने घुसकर मुझे और बहनों को बंधक बना लिया।

     

      • रायपुर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेकर 10 विशेष टीमों का गठन किया। टीमों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। तकनीकी और फोरेंसिक टीम ने सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों के वाहन और हुलिये की पहचान कर ली।एक व्यक्ति ने पिस्टल दिखाकर जान से धमकी देकर हाथ-पैर बांध दिए। आरोपियों ने घर में रखा 60 लाख रुपये नकद, 5 लाख रुपये की दूसरी बैग में रखी रकम और सोने के आभूषण लूट लिए। उसके बाद वे घर से बाहर भाग गए। दरवाजा भी बाहर से बंद कर दिया। घटना के बाद किसी तरह से बंधे हुए हाथ व पैर खोल बहनों को छुड़ाया।

        पुलिस ने की कार्रवाई

    • उसके बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कई स्थानों पर दबिश दी। पुलिस ने आरोपियों को राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर, नागपुर, बलौदा बाजार और रायपुर में गिरफ्तार किया।

    आरोपियों की पहचानकर गिरफ्तारी

  • पुलिस ने कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से कुछ आरोपी पूर्व में आपराधिक मामलों में संलिप्त रहे हैं। विशेष रूप से आरोपी शाहिद पठान पहले भी अमानत में खयानत के मामले में जेल जा चुका है। सभी आरोपियों के खिलाफ थाना खम्हारडीह में डकैती, आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।

नागपुर व रायपुर पुलिस की अहम भूमिका

यह घटना एक अंतरराज्यीय डकैती थी, जिसमें आरोपियों ने रायपुर के साथ-साथ नागपुर से भी अपनी योजना को अंजाम दिया।

पुलिस महानिरीक्षक महोदय अमरेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के नेतृत्व में रायपुर पुलिस ने संपूर्ण ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम को भी आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाई।

ऐसे रची वारदात की साजिश

मामले में यह सामने आया कि ए. सोम शेखर, जो बी.एस.एफ. से सूबेदार के पद से 2011 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हुए थे, जिसने इस घटना की योजना बनाई। वह वर्तमान में “रियल हेल्प” नामक एनजीओ से जुड़ा हुआ है। जमीन दलाली का कार्य भी करता है। उसके और पीड़ित परिवार के बीच घरेलू संबंध थे। शेखर को इस परिवार के पैसे रखने की जानकारी थी।

शेखर ने अपने साथी देवलाल वर्मा और कमलेश वर्मा को इस योजना में शामिल किया। देवलाल वर्मा ने पीड़ित के घर को दिखाकर नगदी और उसके रखने के स्थान की जानकारी दी। इसके बाद योजना में दूसरे आरोपी जैसे पुरूषोत्तम देवांगन, अजय ठाकुर, राहुल त्रिपाठी, नेहा त्रिपाठी, शाहिद पठान और पिंटू सारवान को भी शामिल किया गया।

सभी ने मिलकर 11 फरवरी को डकैती को अंजाम दिया। घटना के लिए आरोपियों ने बिना नंबर की रिज्ड कार का इस्तेमाल किया। सभी ने अपने मोबाइल फोन स्वीच ऑफ कर दिए थे, जिससे कोई ट्रेस न हो सके। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनसे लूटी गई संपत्ति बरामद कर ली।

गिरफ्तार आरोपी

अजय ठाकुर (38 वर्ष, भिलाई, दुर्ग)

राहुल त्रिपाठी (43 वर्ष, गोरखपुर, उ.प्र.)

नेहा त्रिपाठी (41 वर्ष, गोरखपुर, उ.प्र.)

देवलाल वर्मा (45 वर्ष, रायपुर)

पुरूषोत्तम देवांगन (33 वर्ष, बलौदा बाजार)

ए. सोम शेखर (56 वर्ष, रायपुर)

शाहिद पठान (36 वर्ष, नागपुर, महाराष्ट्र)

पिंटू सारवान (23 वर्ष, बेमेतरा, छत्तीसगढ़)

मनुराज मौर्य (31 वर्ष, बिलासपुर)

कमलेश वर्मा (31 वर्ष, रायपुर)

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