छत्तीसगढ

स्मार्ट सिटी बिलासपुर की स्मार्ट नालियां…. गंदगी से भरी पड़ी नालियां….नालियों पर ढक्कन लगाना भूला निगम प्रशासन….

●छत्तीसगढ़ उजाला बिलासपुर●

बिलासपुर शहर जैसे ही स्मार्ट सिटी के लिए चयनित हुआ लोगो मे खुशी का ठिकाना नही रहा।लोगो को अब इस बात पर भरोसा हो गया था कि अब हमारे बिलासपुर की किस्मत चमकेगी।शहर सुंदर सड़को व चौराहों के साथ स्मार्ट शहर बनेगा।बिलासपुर की बदहाल हालात आज भी वैसे ही बनी हुई है।अच्छा शहर बन पाने की उम्मीद अब जनता को भी नही रही।स्मार्ट सिटी बनने से किसका फायदा हुआ यह बात भी अब जनता को समझ मे आने लगी है।सत्ता में कोई भी आ जाये अफ़सर अपने हिसाब से और अपने फायदे के लिए कुछ भी करेंगे।जनता के पैसों की बर्बादी खुलेआम की जाती है कोई इनकी मनमानी पर रोक नही लगा सकता।न ही कोई रोकने आता है।

करोड़ो अरबो रुपये इस शहर में निगम ने आज तक फूंके है।शहर आज भी गड्ढो से भरी सड़को में तब्दील है।नालियों को ढंकना ही भूल गए है।फुटपाथ बनाकर करोड़ो का खेला भी हो गया।कई जगहों में टाइल्स तक नही लगाई गई है।नालो के ऊपर ढक्कन नही होने से कभी भी कोई हादसा हो सकता है। सफाई के नाम से हर माह लाखो करोड़ो फूंके जा रहे है।पर गंदगी का मंजर हर जगह नजर आता है।वाह रे निगम प्रशासन शहर की बदहाल व्यवस्था को कभी नही सुधार सकते यह तो तय कर ही चुके हो।

व्यापार विहार की गड्ढो वाली सड़क को ठीक करने के लिए भूपेश सरकार के समय स्मार्ट रोड बनाई गई।स्मार्ट रोड का मतलब आज तक किसी को भी समझ मे नही आया।स्मार्ट सिटी से किसका फायदा हुआ यह तो यहाँ की जनता भी समझ चुकी है।बिलासपुर के रहने वाले अरुण साव आज प्रदेश की सांय सरकार में उपमुख्यमंत्री के साथ ही निकाय मंत्री भी है।पर मंत्री जी भी अपने शहर को स्मार्ट सिटी में तब्दील नही करवा सके।आज भी शहर में चारो ओर बदहाल सड़के है।गड्ढो से भरी सड़को में लोगो का चलना अब मजबूरी सी हो गयी है।आम जनता अपनी समस्या किसको बताये।स्मार्ट सिटी के नाम से हर चीज (सर्विस) का पैसा निगम को देना जनता की मजबूरी हो गयो है।निगम के अफसर चिरनिद्रा में जा चुके है।अब मंत्री जी बिलासपुर की समस्याओं पर कब नजरे इनायत करेंगे यह तो प्रभु श्रीराम ही जाने।

Anil Mishra

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