*नायब तहसीलदार से विवाद मामले में आईजी शुक्ला के निर्देश पर टीआई तोपसिंह नवरंग लाइन अटैच… विभागीय जांच जारी…*
छत्तीसगढ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। बस्तर जिले के करपावंड में पदस्थ नायब तहसीलदार से विवाद के मामले में आईजी ने सरकंडा थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग को लाइन अटैच कर दिया है। मामले में अब तक आरक्षकों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। फिलहाल इस मामले की जांच एएसपी सिटी राजेंद्र कुमार जायसवाल कर रहे हैं। एसपी ने तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है। संभवत: गुरुवार को एएसपी अपनी जांच रिपोर्ट एसपी को सौंप देंगे।
सरकंडा के अशोक नगर में रहने वाले पुष्पराज मिश्रा नायब तहसीलदार हैं। उनकी पोस्टिंग बस्तर जिले के करपावंड में है। नायब तहसीलदार ने आरोप लगाया कि रविवार को वे अपने पिता और भाई के साथ रेलवे स्टेशन से घर जा रहे थे। इसी दौरान अशोक नगर के पास पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान आरक्षकों ने उनके साथ हुज्जतबाजी की। नायब तहसीलदार ने जब अपना परिचय दिया तो आरक्षकों ने थाना प्रभारी से मोबाइल पर बात की। इसके बाद आरक्षकों ने उनके पिता और भाई को घर जाने दिया। इस बीच आरक्षकों ने नायब तहसीलदार से कहा कि थाना प्रभारी उनसे मिलना चाहते हैं। वाहन में भी आरक्षकों ने नायब तहसीलदार से अभद्र व्यवहार किया। आरोप है कि थाने में टीआई ने भी उनसे दुर्व्यवहार किया। साथ ही कलेक्टर का भी निर्देश मानने से इन्कार कर दिया। इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टोरेट में की गई। साथ ही मंत्रालय में भी की गई। विवाद बढ़ते देख आईजी डा. संजीव शुक्ला ने सरकंडा थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया है। इधर आरक्षकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
सरकंडा पुलिस ने कर लिया है जुर्म दर्ज
इधर सरकंडा पुलिस ने नायब तहसीलदार के भाई विनय मिश्रा के खिलाफ थाने में हंगामा और सरकारी कार्य में बाधा का जुर्म दर्ज कर लिया है। पुलिस का आरोप है कि नायब तहसीलदार के भाई ने थाने में हंगामा मचाया। साथ ही जवानों को जान से मारने की धमकी दी। आरक्षकों ने इस पूरे मामले की जानकारी अधिकारियों को दी। अधिकारियों के निर्देश पर आरक्षक की शिकायत पर विनय मिश्रा के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया गया है।
कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भी कर दी एफआईआर
इस विवाद के दौरान नायब तहसीलदार के इंजीनियर भाई ने देर रात कलेक्टर अवनीश शरण को फोन लगाया। इस दौरान उन्होंने थानेदार से भी बात कराई। कलेक्टर के हस्तक्षेप करने के बाद भी थाना प्रभारी तोप सिंह ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और नायब तहसीलदार और उसके भाई के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
संघ के पदाधिकारियों ने बयान जारी कर कहा है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रशासनिक व्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के साथ इस तरह का व्यवहार न केवल उनकी गरिमा पर प्रहार है। बल्कि, यह प्रशासनिक व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। संघ ने इस घटना के विरोध में पीड़ित अधिकारी के प्रति एकजूटता प्रदर्शित करने के लिए प्रदेश के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार 21 नवंबर को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
एसपी के निर्देश पर जांच, लीपापोती कर बचाव की कोशिश
इधर, इस मामले में एसपी के निर्देश पर एएसपी ने जांच शुरू कर दी है। घटना के समय मौजूद लोगों की तलाश कर उनका बयान दर्ज किया गया है। आरोप है कि पुलिस ने अपने बचाव के लिए डेढ़ बजे रात को दो साक्ष्य भी मौके पर खड़े कर दिए। सीसीटीवी फुटेज भी जुटा लिया। ऐसे में पुलिस की इस कार्रवाई पर यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या देर रात घूमने वालों को पुलिस पकड़कर थाने ले जाती है। अगर, नहीं तो ऐसी क्या परिस्थिति बनी जिसके कारण पुलिसकर्मियों ने नायब तहसीलदार के साथ अपराधी की तरह बर्ताव करते हुए उन्हें पकड़कर थाने भेज दिया।