•छत्तीसगढ़ उजाला रायपुर•
*सरकार के तुगलकी निर्णय से 2 लाख मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट*
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि आज हम पांच महत्वपूर्ण विषयां पर आप सबसे बात करने उपस्थित हुये है। बिजली के दामो की बढ़ोतरी से हर कोई परेशान है.एक सप्ताह से अधिक दिनों से राज्य की स्टील ईकाईयां बंद है जिसके कारण इन ईकाईयों में काम करने वाले 2 लाख से अधिक मजदूरों, ट्रांसपोर्टरों और इन उद्योगो से जुड़े अन्य लोगो के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
समाचार माध्यमों से हमें जानकारी मिली है कि उद्योगो के प्रतिनिधि लगातार सरकार से अपनी मांग मानने के लिये आग्रह कर रहे हैं, लेकिन सरकार हठधर्मिता पर अडी हुई है।7 माह की भाजपा सरकार ने न सिर्फ उद्योगो, आम आदमी की बिजली के दामो को बढ़ा दिया है। लोहा उद्योग छत्तीसगढ़ की रीढ़ है और उनकी बिजली महंगी करना विष्णुदेव सरकार गलत निर्णय है।
ऽ घोषित तौर पर सरकार का दावा है कि 8 प्रतिशत घरेलू बिजली के दाम बढ़े हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले दो माह से सभी के घर का बिजली बिल दुगुना आ रहा है।
छत्तीसगढ़ जो देश के बड़े उर्जा उत्पादक राज्यों में से एक है, वही के नागरिको और उद्योगो को महंगी बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ा रहा है। कोयला हमारा, जमीन हमारी, पानी हमारा और हमें ही महंगें दाम पर बिजली?•उद्योगो की बिजली के दामो की पडोसी राज्यों से तुलना करे तो ओडिशा, जो सबसे अधिक इस्पात का उत्पादन करता है, उसकी बिजली दर लगभग 5 रूपये 10 पैसा से 5 रूपये 30 पैसा है। पश्चिम बंगाल, जो तीसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक राज्य है, उसकी बिजली दर 5 रूपये है। झारखंड और जिंदल पार्क, जो अन्य प्रमुख इस्पात उत्पादक क्षेत्र है, उनकी बिजली दर भी 5 रूपये है। छत्तीसगढ़ जो दूसरा सबसे इस्पात उत्पादक राज्य है, यहां की बिजली दर 7 रूपये 62 पैसा से 8 रूपये 50 पैसा है।
महंगी बिजली के साथ भाजपा सरकार आने के बाद से जनता को पूरे 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है। पूरे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती हो रही है। 7 माह में विद्युत सरप्लस वाला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कटौती का केंद्र बन गया है। कोई ऐसा दिन नहीं होता जब बिजली दो-चार घंटे के लिये बंद न हो, रात में तो बिजली की स्थिति तो और भयावह हो जाती है, घंटो बिजली गोल हो जाती है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार घरेलू एवं उद्योगो व कृषि के बिजली के दामों की बढ़ोत्तरी वापस ले।