छत्तीसगढ़ उजाला
राजधानी की एक होर्डिंग से ऐसा बवाल मचा कि पर्यावरण विभाग के पीआरओ ही निपट गए।होर्डिंग भी विभाग के मंत्री ओपी चौधरी की लगी थी।पर इस होर्डिंग में लिखी बाते चर्चा का विषय बन गयी।विरोध भी होना स्वाभाविक था क्योंकि प्रदेश में सत्ता भाजपा के पास ही है।फिर हिन्दू त्योहारों पर पर्यावरण विभाग की समझाइश जनता को समझ से परे लगी।ऐसी होर्डिंग कांग्रेस की सत्ता में लगती थी।बवाल ऐसा मचा की अफ़सर ही निपट गए।
राज्य शासन के छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने सोमवार को जनसंपर्क अधिकारी अमर प्रकाश सावंत को निलंबित कर दिया। इस आशय का आदेश पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी हुआ। जारी आदेश के मुताबिक उनके निलंबन की वजह प्रशासनिक बताई गई। पर मामले को लेकर कई बातें बाजारों में सुनने को आ रही है।सूत्रों के अनुसार सांय सरकार में कई मंत्री अपने अपने होर्डिंग्स लगाकर अपना चेहरा चमकाने में लगे है।भाजपा के एक नेता का कहना है कि इस सरकार में सब अपनी अपनी कहानी बनाने में लगे है।सरकार के आने के बाद ऐसा माहौल बन जायेगा इसकी उम्मीद किसी को भी नही थी।किसी का कहना है की इस मामले में पार्टी के बड़े नेताओं ने भी नाराजगी जाहिर की थी।
जनसंपर्क अधिकारी सावंत के निलंबन को होडिंग्स लगाने से जोड़ा जा रहा है। दरअसल छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने दीपावली त्यौहार के मद्देनजर विभागीय मंत्री ओपी चौधरी की तस्वीर के साथ होर्डिंग्स लगाई। जिसमें पटाखे रात्रि 8 से 10 बजे के बीच ही फोड़, कम धुआं, ध्वनि उत्पन्न करने वाले ग्रीन पटाखे ही फोड़ें, लड़ियों के निर्माण, उपयोग और विक्रय पर रोक के अलावा पटाखे की ऑनलाइन बिक्री पर रोक जैसे निर्देश हैं। इस होर्डिंग्स में छत्तीसगढ़ी में यह भी कोट किया गया है कि
घर-घर खुशी बगराबो, बिना प्रदूषण देवारी मनाबो
सोशल मीडिया में पर्यावरण विभाग की इस होर्डिंग्स को लेकर काफी चर्चा सभी जगह बनी रही। खासकर विश्व हिन्दू परिषद,बजरंग दल सहित हिन्दू संगठनों ने इस मामले पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।अंततः साय सरकार ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया। और सोशल मीडिया में होर्डिंग्स की फोटो शेयर कर आलोचना करते हुए लिखा कि क्या विभागीय मंत्री हिन्दुओं के त्यौहार में ही यह ज्ञान देंगे? हिन्दुवादी संगठनों की आलोचना और विरोध के बाद होर्डिंग्स लगाने की जानकारी ली गई। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण मंडल के जनसंपर्क अधिकारी ने मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्री से अनुमति लिए बिना ही होर्डिंग्स लगवा दी थी। नियमानुसार किसी होर्डिंग्स में मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्री की तस्वीर होती है, तो उसकी बाकायदा नोटशीट चलाई जाती है और अंतिम अनुमोदन के बाद ही होर्डिंग्स लगाए जाते हैं। इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ।जारी आदेश के मुताबिक उनके निलंबन की वजह प्रशासनिक बताई गई। पर वही पर्यावरण विभाग में कुछ बाते सुनने में आ रही है कि ऊपर के अफसरों ने सावंत को निपटा दिया।कोई भी अनुभवशील अधिकारी अपनी मनमर्जी से यह सब काम नही करेगा।किसी के कहने पर ही यह होर्डिंग्स लगाई थी।अब इसमें किसका हांथ है यह तो जांच का विषय है।इस होर्डिंग के लगने के बाद ऐसा कुछ भी होगा शायद इसका आभास किसी को नही था।वैसे भी खेल में प्यादे ही निपटाये जाते है।