तेज धूप और लू के कारण निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। कई बार लू लगने के बाद समय पर उपचार न मिलने से लोगों की मौत भी हो सकती है। डॉक्टरों की मानें तो लू लगने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है, ऐसे में मस्तिष्क से लेकर हृदय ठीक प्रकार से काम करना बंद कर देते हैं, जिससे लोगों की मौत हो जाती है। यह बीमारी सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों को अपनी चपेट में ले रही है। गर्मी या सर्दी में शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक रहना चाहिए। इससे कम या ज्यादा होने पर मौत का खतरा बढ़ जाता है।
फरीदाबाद में बीते दिनों रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से कुछ लोगों की जान जाने की सूचनाएं आ रही हैं। मौत का कारण गर्मी बताई जा रही है। निजी और नागरिक अस्पतालों के डॉक्टरों की मानें तो तापमान में हो रही बढ़ोतरी मानव जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित निजी अस्पताल के किडनी रोग विभाग के चेयरमैन डॉ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि असावधानी के कारण गर्मी जानलेवा साबित हो सकती है। एक व्यक्ति के शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहता चाहिए। इससे कम या ज्यादा होने पर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। शरीर का तापमान 40 डिग्री होने पर व्यक्ति के गर्मी बर्दाश्त करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में शरीर के अंग विपरीत रूप से काम करने लगते हैं। इसका शरीर पर प्रतिकूल असर होता है। धीरे-धीरे मस्तिष्क, किडनी फेल होना, हृदय का काम न करना, सांस फूलना, बीपी लो होना दिमागी सुस्ती सहित अन्य बीमारियों के कारण लोगों की मौत हो जाती है।
बच्चों और बुजुर्गों पर होता है ज्यादा असर
एक अन्य निजी अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के अतिरिक्त निदेशक डॉ. बीएन सिंह ने बताया कि तेजी से बढ़ रही गर्मी लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रही है। ऐसे में सबसे ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। ज्यादा देर धूप में रहने के कारण शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है। इससे नाड़ियों पर बुरा प्रभाव होता है। जगह-जगह से खून फटने लगता है। इसके अलावा आंत फेल होना या बैक्टीरिया का खून फैलने के कारण जान जा सकती है। हमारे शरीर के सभी अंगों के लिए गर्मी घातक है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गों में सामने आ रही है। प्रतिदिन अस्पताल में 10-15 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
गर्मी और लू से बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान
जिला नागरिक अस्पताल के सामान्य रोग चिकित्सक डॉ. योगेश गुप्ता ने बताया कि गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनने चाहिए। घर से निकलते समय सिर ढककर रखें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा घर में बने पेय जैसे लस्सी, नींबू-पानी, छाछ का सेवन कर सकते हैं। बच्चों को वाहनों में छोड़कर न जाएं। इससे उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक अधिकांश मरीजों में लू से मिलते-जुलते लक्षण हैं। इन दिनों लोगों को ध्यान रखने की आवश्यकता है।
कितना होना चाहिए सामान्य मानव का तापमान
डॉक्टरों के अनुसार सामान्य मनुष्य का तापमान 97.6 फॉरनहाइट या 36.4 डिग्री सेल्सियस से लेकर 99.6 फॉरनहाइट या 37.6 डिग्री सेल्सियस तक होता है। इससे कम या अधिक होने पर शरीर बीमारी का संकेत देता है।