शादी मे शामिल होने आए परिवार से तीन वर्षीय बालक अपने परिवार वालों से बिछड़ा, संस्था मार्मिक चेतना वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य ने बिछड़े बच्चे को मां से मिलाया
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। शादी मे शामिल होने आए परिवार से तीन वर्षीय बालक अपने परिवार वालों से बिछड़ गया। बच्चा रोते बिलखते गली-सड़कों पर नंगे पैर घूमकर अपने परिवार वालों को ढूंढ रहा था। इसी बीच संस्था मार्मिक चेतना वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य शैलेंद्र विश्वकर्मा व योगेश सिंह ठाकुर की नज़र उस बच्चे पर पड़ी।
दोनों ने उस बच्चे के पास जानकारी लेने का प्रयास करते हुए आसपास के लोगो से पूछने पर कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त न होने पर, संस्था की अध्यक्ष राष्ट्रीय युवा पुरस्कृत अंकिता पाण्डेय शुक्ला को दी। तत्काल वह वहां पहुंचकर बच्चे को शांत कराया। खिला-पिलाकर प्यार से बच्चे से पूछने पर वह अपना नाम शिवा, मां का नाम सोनिया बस बता पा रहा था। तब उसे सरकंडा थाना ले जाकर सुपुर्द किया गया और उनके परिवार का पता लगाकर सुरक्षित मिलवाया गया। संस्था मार्मिक चेतना लगातार कई वर्षो से बच्चों और महिलाओं के क्षेत्र में संवेनदनशील विषय अच्छे बुरे स्पर्श, लैंगिक शोषण, यौन उत्पीड़न, महिला-बच्चों पर हिंसा, बालिका शिक्षा, बाल विवाह, भिक्षा मुक्ति, मिशन स्वावलंबन, नशा मुक्ति, माहवारी-मिथ्या, समस्या, समाधान, साइबर सुरक्षा, सेक्स एजुकेशन इत्यादि पर कार्य कर रही है। इस दौरान ऐसे कई बार कई बच्चों पर अपराध होने से बचाया गया है।
राष्ट्रीय पुरस्कार से भी गए नवाजे
संस्था मार्मिक चेतना व अंकिता पांडेय शुक्ला को भारत का राष्ट्रीय युवा पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। साथ ही इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड मे अपना नाम दर्ज करवा चुकी हैं, ऐसे कई सम्मान प्राप्त हो रहे हैं।