विदेश

अमेरिकी सीनेटर ने माना, भारत ने ‘हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी’ में काफी तरक्की कर ली, US उतना प्रभावशाली नहीं रहा


सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जैक रीड ने कहा कि हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हम अपनी तकनीकी सुधार हैं। कभी हम तकनीक पर हावी थे लेकिन अब वह बात नहीं रही। हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में स्पष्ट रूप से चीन, भारत और रूस ने काफी तरक्की कर ली है।

अमेरिका के शीर्ष सांसद ने दावा किया है कि एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अब अमेरिका पहले जितना प्रभावशाली नहीं रह गया है। इसके ठीक विपरीत भारत, चीन और रूस ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी में काफी तरक्की कर ली है। सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जैक रीड ने कहा कि हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हम अपनी तकनीकी सुधार हैं। कभी हम तकनीक पर हावी थे लेकिन अब वह बात नहीं रही। हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में स्पष्ट रूप से चीन, भारत और रूस ने काफी तरक्की कर ली है। 

इसे भी पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र में उठी बड़ी मांग, क्या अब PoK की तरह अक्साई चिन भी कहलाएगा CoK

सीनेटर रीड ने कहा कि हम विश्व के इतिहास में पहली बार त्रिपक्षीय परमाणु प्रतियोगिता का सामना करने वाले हैं। अब ये सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच द्विपक्षीय नहीं रह गया है। पिछले साल अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के उपाध्यक्ष डॉ विलियम लाप्लांटे ने इम्मीद जातई कि हथियारों की प्रणाली को मुख्यधारा में लाने के लिए तेजी काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन नई तकनीकों के बारे में बात की गई है, पिछले कई वर्षों में इस दिशा में कई कदमें उठाई गईं हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा है। 

क्या है हाइपरसोनिक मिसाइलें 

हाइपरसोनिक मिसाइलें आवाज से दस गुणा अधिक गति से उड़ान भर सकती है। ध्वनि की रफ्तार लगभग 1235 किलोमीटर प्रति घंटे से पांच गुना अधिक रफ्तार वाले मैक 5 को हाइपरसोनिक कहा जाता है। इसका अर्थ ये हुआ कि हाइपरसोनिक मिसाइलें 6 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकती है।  



Source link

Related Articles

Back to top button